Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

फर्रुखाबाद  स्टेशन पर बम मिला, यात्रियों में दहशत

Published

on

Loading

फर्रुखाबाद | उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद  रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पार्सल घर के पास शनिवार सुबह एक टाइम बम मिलने की सूचना से हड़कंप मच गया। प्लेटफार्म को खाली कराने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बम की सूचना मिलने के बाद जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौक पर पहुंचा। पुलिस के मुताबिक, शनिवार सुबह करीब 6 बजे आरपीएफ का सिपाही रामनरेश प्लेटफार्म नंबर 1 पर पार्सल घर की दीवार के पास घड़ी की टिक-टिक सुनकर उस ओर बढ़ा तो वहां टाइम बम रखा देखा। उन्होंने इसकी सूचना आरपीएफ प्रभारी आर.पी. सिंह व जीआरपी थानाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह को दी। बाद में बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया, जिसने बम को निष्क्रिय किया।

पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि टाइम बम होने की पुष्टि हुई है। कानपुर से आए बम निरोधक दस्ते ने उसे डिफ्यूज कर दिया है। इस हरकत के पीछे किसका हाथ है, यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending