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प्रादेशिक

अवध के फैशन को मिलेगी ग्लोबल पहचान

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प्रियंका त्रिवेदी शर्मा 

लखनऊ।  नवाबी शान और अपनी नज़ाकत के लिए पूरी दुनिया में मशहूर लखनऊ शहर के खूबसूरत पहनावे को फैशन जगत में एक नई  पहचान देने की खूबसूरत पहल CII-YI  ने की है । पहनावा अवध फैशन समिट”  के ज़रिये लखनऊ के पहनावें को दुनियाभर के कोने-कोने तक पहुँचाने की इस ख़ास कोशिश में फैशन जगत की कई नामी हस्तियों ने शिरकत की।

राजधानी लखनऊ में आयोजित पहनावा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मेंबर ऑफ पार्लियामेंट डिम्पल यादव और साथ ही कवि, फिल्मकार और जाने माने फैशन डिज़ाइनर पदमश्री मुज़फर अली भी मौजूद्द रहे। लखनवी फैशन को पूरी दुनिया में फैलाने की इस पहल की सराहना  करते हुए सांसद  डिंपल यादव ने CII-YI द्वारा आयोजित इस तरह के कार्यक्रमों के लगातार आयोजन की ज़रूरत बताई। उन्होनें कहा की महिलाओं को अपने फैशन में पारम्परिक भारतीय परिधानों को शामिल करना चाहिए।  लखनऊ क्राफ्ट को दुनिया भर तक पहुचानें  में आने वाली समस्याओं को सरकार द्वारा दूर करने का भरोसा भी डिंपल ने दिलाया ।

जाने माने फिल्मकार और फैशन जगत से  ताल्लुक रखने वाले पदमश्री राजा मुज़फ्फर अली ने कहा  ” CII-YI  का यह कदम कोई छोटा कदम नहीं  बल्कि यह प्रयास अवध फैशन जगत के आने वाले वक्त में बहुत बड़ा बदलाव लाने का काम करेगी। लेकिन साथ ही हमें इन सभी कामों को अंजाम देने वाले कारीगरों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को भी समझना होगा उन्हें  भी इंसान समझकर उनकी मेहनत  का सही मुआवज़ा और आने वाले वक्त में उन्हें अच्छा प्लेटफॉर्म देने के लिए प्रयास करने होंगे “।

लखनऊ के फैशन को एक नया आयाम देने वाली लखनऊ की सुप्रसिद्ध फैशन डिज़ाइनर अस्मा हुसैन ने कहा कि यह प्रयास  बहुत पहले ही किया जाना जरुरी था  मगर अब जबकि यह सबके सामने है तो इसे हम सभी को मिलकर आगे बढ़ाने की जरुरत है।  उन्होंने कहा कि लखनऊ में कारीगरों और काम की खूबसूरती में कोई कमी नहीं है बस इसे इसे व्यवस्थित करने और अच्छा बाजार उपलब्ध करने कीजरुरत है ताकि आने वाले वक्त में अवधी फैशन सिर्फ हिंदुस्तान नहीं बल्कि विदेशों की भी शान बन जाये। अस्मा ने वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार से  लखनवी फैशन जगत की कुछ समस्याओं को दूर कर आने वाले समय में बड़े बदलाव की उम्मीद जताई।

बॉलीवुड में ही अपने फैशन डिज़ाइनिंग के लिए नहीं बल्कि हॉलीवुड की भी कई हस्तियों को अपने लेटेस्ट फैशन ट्रेंड्स से लुभा चुकी फैशन डिज़ाइनर रीना ढाका ने पहनावा कार्य्रक्रम के बारे में कहा की उन्होंने उन्होंने अपने पूरे करियर में फैशन के कई पहलू देखे है मगर अवधि फैशन ने उन्हें  रिझा लिया।   यहाँ का कल्चर यहाँ का पहनावा वाकई दुनिया में सबसे अलग है।

CII-YI  के चेयरपर्सन गौरव प्रकाश ने कहा की ” हम पहनावा मुहिम सिर्फ लखनवी पहनावे को ही आगे ले जाने की कोशिश नहीं है बल्कि लखनऊ से जितनी भी महिलाएं फैशन इंडस्ट्री से जुडी है उन्हें सरकार से अपील कर एक अच्छा प्लेटफॉर्म देने की भी कोशिश कर रहे है ताकि हम लखनऊ क्राफ्ट को केवल कुछ ही जगहों पर नहीं बल्कि  विदेशों तक में अपनी पहचान बना सके।

लखनऊ के पहनावे की खूबसूरती को और भी बढ़ाने और उसमें अपना अहम योगदान देने के लिए फैशन इंडस्ट्री के और भी कई चेहरे पहनावा समिट में मौजूद्द  रहे जिनमें पूर्व मिस इंडिया और ज्वैलरी डिज़ाइनर  नैना बलसावर अहमद, मंजू हुंडेकर प्रिसिपल ऍनआईएफटी पुणे, लखनऊ की युवा फैशन डिज़ाइनर अदिति जग्गी रस्तोगी,और कई सुप्रसिद्ध हस्तियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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