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प्रादेशिक

केरल की जेल में लिजी ने रचीं कविताएं

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कोझिकोड| जेल का जीवन वैसे तो किसी को कवि या लेखक बनाने के लिए आदर्श स्थान साबित नहीं हो सकता, लेकिन केरल की एक जेल में नशीले पदार्थो की बिक्री के आरोप में सजा काट रही 40 वर्षीय महिला लिजी अपने विचारों को कलम से शब्दों में ढाल रही है।

लिजी ने जेल में रहकर अब तक 14 कविताएं और 8 कहानियां लिखी हैं। इन सभी को एक किताब के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।

पत्रकार और जनसंपर्क पेशेवर सुबिन मनंथावाडी द्वारा लिखित पुस्तक ‘फ्रॉम कॉनविक्ट टु राइटर’ लिजी के जीवन और उसके कठिन परिश्रम की ही कहानी है। लिजी केरल के कन्नूर जेल में 25 साल की कैद की सजा काट रही है। उसकी कहानी उसके जीवन के संघर्षो और लेखन के प्रति उसकी रुचि पर आधारित है।

लिजी के जीवन का ‘नया सफर’ तब शुरू हुआ, जब उसे साल 2011 में कोच्चि में पुलिस द्वारा नशीले पदार्थ से युक्त एक पैकेट ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

केरल के वयनाड जिले की निवासी लिजी एक अच्छी छात्र थी, लेकिन साल 1988 में पिता की मौत के बाद उसे स्कूल छोड़ना पड़ा। अपने मित्र से हुई लिजी की शादी का भी दुखद अंत हुआ, जब उसे पति की मौत के बाद वयनाड वापस जाने पर मजबूर होना पड़ा।

सुबिन मनंथावाडी ने आईएएनएस को बताया, “उसके खिलाफ दो मामले थे और 2011 में उसे इन मामलों में 25 साल कैद की सजा मिली। उनके साथ मेरी पहली मुलाकात में उसने मुझे एक लेख पकड़ाया और मैं उनकी भाषा से चकित रह गया। मैंने उनमें एक लेखिका को देखा और जब भी मैं उससे मिलता था, उसे लिखने के लिए प्रोत्साहित करता था। जेल के कर्मचारियों ने भी उसे काफी प्रेरित किया।”

मनंथावाडी ने आगे कहा, “लिजी की इच्छा है कि इस पुस्तक को उसकी मां की मौजूदगी में जारी किया जाए। हम आशा करते हैं कि जेल प्रशासन हमें जेल परिसर में इस किताब को जारी करने की इजाजत देगा।”

मनंथावाडी ने कहा कि उनकी यह किताब अगले महीने जारी होगी और इसका सारा श्रेय लिजी को जाएगा।

 

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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