अन्तर्राष्ट्रीय
चीन की हुआवी ने पनामा विश्वविद्यालयों के साथ किए समझौते
पनामा सिटी। चीन की प्रौद्योगिकी और दूरसंचार कंपनी हुआवी ने चीन में छात्रों को दूरसंचार प्रशिक्षण देने के लिए गुरुवार को पनामा के कुछ विश्वविद्यालयों के साथ समझौते किए।
हुआवी पनामा के क्षेत्रीय प्रबंधक ब्रैड जुआन ने इसके लिए पनामा विश्वविद्यालय और टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ऑफ पनामा (यूटीपी) के साथ प्रायोजन संबंधी समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये दोनों सरकारी विश्वविद्यालय हैं।
ये समझौते हुआवी के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम ‘सीड्स फॉर द फ्यूचर’ कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) में स्थानीय प्रतिभा को बढ़ावा देना है।
समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान पनामा के 10 छात्र भी मौजूद थे, जो अंग्रेजी ज्ञान सहित चीन में शिक्षा प्राप्त करने की अन्य शैक्षणिक योग्यताओं पर खरे उतरे।
यूटीपी में सिस्टम्स इंजीनियरिंग के छात्र स्टीवन कास्टीलो ने उम्मीद जताई कि वह चीन में ज्ञान और अनुभव हासिल कर पनामा लौटेंगे।
छात्र पहले सप्ताह के दौरान बीजिंग के एक विश्वविद्यालय में चीनी संस्कृति एवं बुनियादी भाषा ज्ञान के बारे में जानेंगे, जबकि इसके बाद के दो सप्ताहों में वे शेनझेन की यूनिवर्सिटी ऑफ हुआवी में कामकाज का अनुभव हासिल करेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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