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मुख्य समाचार

हरियाणा : साहसी बहनें होंगी सम्मानित, तीनों आरोपी गए जेल

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चंडीगढ़| हरियाणा के रोहतक जिले में राज्य परिवहन निगम की चलती बस में मनचलों को सबक सिखाने वाली दो बहनों को प्रदेश सरकार सम्मानित करेगी। इस बीच एक अदालत ने तीनों आरोपियों को पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की कि साहसी बहनों पूजा और आरती को गणतंत्र दिवस पर नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस बीच खबरें हैं कि जिस बस में पूजा और आरती सफर कर रही थीं, उसके चालक और परिचालक को लड़कियों को मदद न करने, पुलिस को सूचित न करने और घटना को रोकने की कोशिश न करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

आरोपियों को रोहतक की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस महानिदेशक और परिवहन विभाग को निर्देश दिया गया है कि हरियाणा रोडवेज की बसों में यात्रियों विशेषकर महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। बस चालकों और परिचालकों को भी निर्देश दिया गया है कि इस तरह की घटना दोबारा न हो। शुरुआत में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई से कतरा रही हरियाणा पुलिस ने इस घटना के मीडिया में सुर्खियां बनने पर तीनों मनचलों दीपक, मोहित और कुलदीप को रविवार शाम गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ छेड़छाड़ और प्रताड़ना का मामला दर्ज किया गया है।

शुक्रवार को चलती बस में हुई इस घटना में छेड़छाड़ से तंग आकर दोनों बहनों ने मनचलों को बेल्ट, हाथों और पैरों से पिटाई कर दी। जबकि बस में सवार अन्य लोग मूकदर्शक बने देखते रहे। पुलिस के मुताबिक राज्य परिवहन की इस बस में सवार एक महिला यात्री ने इस पूरे प्रकरण की वीडियो बनाई थी जिससे यह मामला प्रकाश में आया।

आरती और पूजा ने कहा, “चलती बस में जब उनसे छेड़छाड़ किया जा रहा था तब न तो किसी यात्री बल्कि चालक, परिचालक ने भी मदद के लिए कदम आगे नहीं बढ़ाया। युवकों ने हमें धक्का दिया और यहां तक कि बस से बाहर धक्का देने की कोशिश की।” लड़कियों के पिता ने कहा कि पुलिस अधिकारी उन पर समझौता करने का दबाव बना रहे हैं।

लड़कियों ने कहा कि युवक चुंबन लेने की हरकत कर रहे थे, उनकी तरफ पर्चे फेके जा रहे थे जिसमें युवकों के मोबाइल नंबर थे। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो युवकों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। एक यात्री महिला ने भी इसका विरोध किया लेकिन युवकों ने उन्हें भी प्रताड़ित किया। बहनों ने कहा कि कुछ दूर चलने के बाद बस रुक गई और युवकों ने उन पर हमला कर दिया और बस से धक्का देकर बाहर निकालने लगे। इस दौरान एक बहन खेत में जा गिरी जबकि दूसरी सड़क पर। इस पर एक बहन ने ईंट से हमला कर दिया। इसके बाद हमलावर घटनास्थल से फरार हो गए।

लड़कियों ने पुलिस और महिला हेल्पलाइन पर फोन मिलाया लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। आरती ने कहा कि हेल्पलाइन पर फोन उठाने वाले ने कहा कि वे उन्हें दो मिनट में फोन करेंगे लेकिन न तो फोन आया और न ही कोई मदद मिली। उल्लेखनीय है कि रोहतक शहर में ही दो किशोरियों ने छेड़छाड़ से तंग आकर इसी साल अगस्त में आत्महत्या कर ली थी।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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