मनोरंजन
कला फिल्म की तरह है ‘माई नेम इज साल्ट’
गुजरात के कच्छ के रण में 40 हजार नमक मजदूर परिवार कड़ी मेहनत से नमक पैदा करते हैं, लेकिन उनको काम के लिए पर्याप्त मजदूरी नहीं मिलती। इसका एक कारण तो यह है कि नमक मजदूरों के परिवार संगठित नहीं हैं कि मिलकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा सकें। कच्छ के रण के नमक मजदूरों की स्थिति पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘माई नेम इज साल्ट’ बनाने वाली निर्देशक फरीदा पाचा का हालांकि कहना है कि इस फीचर सह डॉक्यूमेंट्री फिल्म का विषय थोड़ा अलग है। यह एक कला फिल्म की तरह है, जिसमें नमक मजदूरों का कोई बयान या साक्षात्कार नहीं है और फिल्म सिनेमाई अनुभवों के माध्यम से आगे बढ़ती है।
पाचा ने कहा कि इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) फिल्म का प्रदर्शन किया जाना है। फिल्म में नमक मजदूरों के साथ संवाद न होने को लेकर किए गए सवाल के जवाब में पाचा ने कहा, “मेरी यह कोशिश रही कि फिल्म किसी भी तरह की पूर्व धारणाओं से मुक्त रहे और इस इसी वजह से इसके कला फिल्म की तरह प्रतीत होने की गुंजाइश बन सकी।” डॉक्यूमेंट्री निर्माण की आर्थिक संभावनाओं के बारे में पाचा ने कहा, “वैश्विक स्तर पर सरकारी फंड का दायरा सिकुड़ रहा है और यही वजह है कि फिल्म निर्माता दूसरे स्रोत से आर्थिक मदद ले रहे हैं। मैंने भी यही किया। यह विकसित देशों का चलन है, जहां आम लोग किसी फिल्म परियोजना के लिए आगे आकर सहयोग करते हैं।”
साल 1972 में मुंबई में जन्मी सुश्री फरीदा पाचा ने अमेरिका की साउथ इलिनियोस यूनिवर्सिटी से फिल्म निर्माण की पढ़ाई की। उन्होंने कई सारी प्रायोगिक एवं शैक्षिक डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाई हैं। आंध्र प्रदेश के दलित किसानों पर आधारित उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘द सीडकीपर’ को 2006 में राष्ट्री फिल्म पुरस्कार दिया गया था।
‘माई नेम इज साल्ट’ उनकी पहली फीचर सह डॉक्यूमेंट्री फिल्म है, जिसने कड़ी प्रतिद्वंद्व के बीच एमस्टर्डम में इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल एम्सटर्डम (आईडीएफए) 2013 में फर्स्ट अपियरेंस अवॉर्ड जीता था। इसके अलावा फिल्म ने हांगकांग, मैड्रिड, एडिनबर्ग में भी कई पुरस्कार जीते। फरीदा पाचा इस समय स्विजरलैंड के ज्यूरिख में रहती हैं।
मनोरंजन
24 अप्रैल को लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड’ से सम्मानित होंगे अमिताभ बच्चन
मुंबई। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन करीब पांच दशक से फिल्म इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं। उन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी हैं। अब तक अमिताभ को कई अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। ऐसे में उनकी अवार्ड लिस्ट में एक और नाम जुड़ें जा रहा है।
बिग बी को लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। साल 2022 में दुनिया को अलविदा कह चुकी लगा मंगेशकर की याद में इस पुरस्कार को बनाया गया है। ये पुरस्कार खासतौर पर उन लोगों के लिए है जिन्होंने अपने काम से समाज पर बड़ा प्रभाव डाला हो।
इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसके बाद 2023 में यह अवार्ड लता मंगेशकर की बहन आशा भोसले को दिया गया था। वहीं अब बिग बी को भी इस अवार्ज से सम्मानित किया जाएगा। बिग बी को यह सम्मान लता मंगेशकर के पिता एवं संगीत जगत के दिग्गज दीनानाथ मंगेशकर के स्मृति दिवस पर 24 अप्रैल को दिया जाएगा।
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