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अन्तर्राष्ट्रीय

ग्रीस : ऋण-जीडीपी अनुपात 200 फीसदी हो सकता है

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वाशिंगटन| ग्रीस में सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के मुकाबले ऋण का अनुपात अगले दो सालों में 200 प्रतिशत तक हो सकता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पिछले रविवार हुई बैठक से पहले यूरोपीय नेताओं को इसके बारे में आगाह किया था। फाइनेंशियल टाइम्स की मंगलवार की रपट के अनुसार, आईएमएफ ने ऋण दाताओं को भेजे गए ज्ञापन में कहा, “यूरोपीय देश ग्रीस के लिए जितना कर्ज माफ करने पर विचार कर रहे हैं, उन्हें इससे कही ज्यादा पैमाने पर कर्ज माफ करने की जरूरत होगी।”

जर्मनी सहित यूरोपीय देशों ने कर्ज कटौती का विरोध किया है और उनका कहना है कि ऋण दाताओं और ग्रीस के बीच सोमवार को हुए समझौते में ऋण माफी शामिल नहीं है।इस समझौते के तहत एथेंस को मितव्ययिता अपनानी होगी, जो कि पहले से ही बढ़ती गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहा है।

आईएमएफ ने फाइनेंशियल टाइम्स के आलेख पर एफे के पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया।आईएमएफ की तरफ से इससे दो सप्ताह पहले प्रकाशित एक दस्तावेज में कहा गया था कि 2017 में एथेंस के जीडीपी के मुकाबले कर्ज का अनुपात 177 फीसदी हो जाएगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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