Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिक्स को बढ़ावा देने को पीएम मोदी ने रखे कई प्रस्ताव

Published

on

modi-brics

Loading

उफा (रूस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए गुरुवार को सदस्य देशों के बीच फिल्म फेस्टिवल, सालाना व्यापार मेला व फुटबॉल टूर्नामेंट सहित कई प्रस्ताव रखे। सातवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में यहां ब्रिक्स पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करते हुए मोदी ने ‘दस कदम : भविष्य के लिए 10 कदम का प्रस्ताव रखा।’

इनमें एक व्यापार मेला, एक रेलवे अनुसंधान केंद्र, सर्वोच्च ऑडिट संस्थानों के बीच सहयोग, एक डिजिटल पहल, एक कृषि अनुसंधान केंद्र, ब्रिक्स राष्ट्रों के बीच एक राज्य/स्थानीय सरकारों का मंच, शहरीकरण में शहरों के बीच सहयोग, एक खेल परिषद तथा एक सालाना खेल टूर्नामेंट शामिल है। नए विकास बैंक की पहली बड़ी परियोजना स्वच्छ ऊर्जा तथा फिल्म फेस्टिवल के क्षेत्र में होगी।

मोदी ने ब्रिक्स व्यापार परिषद तथा पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि इसके पांचों सदस्य देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) को सालाना एक व्यापार मेले की मेजबानी करनी चाहिए और अगले साल भारत ऐसे मेले का उद्घाटन कर सकता है। भारत साल 2016 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

मोदी ने खेल सहयोग के हिस्से के रूप में सालाना एक फुटबॉल टूर्नामेंट का भी प्रस्ताव रखा, जो अंडर 15 होगा। साथ ही कहा कि भारत अगले साल एक फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा। मोदी ने कहा कि ब्रिक्स में फैसले आम सहमति और सहयोग के आधार पर लेने चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि सभी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न चुनौतियों से सबको मिलकर निपटना होगा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर बल दिया। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद व अतिवाद से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “मैं नए विकास बैंक को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में पहली बड़ी परियोजना को धन मुहैया कराते देखना पसंद करूंगा।”

उन्होंने ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल तथा फिल्म अवार्ड्स में ब्रिक्स सहयोग का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि इससे फिल्म निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को एक दूसरे से जोड़ने में मदद मिलेगी। मोदी ने ब्रिक्स देशों को भरोसा दिलाया कि आपात भंडार व्यवस्था (कंटिंजेंसी रिजर्व अरेंजमेंट) को जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि यहां गुरुवार की बैठक स्वीकार की जाने वाली ब्रिक्स आर्थिक सहयोग रणनीति इस समूह के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

मोदी ने कहा, “आज स्वीकार की जाने वाली ब्रिक्स आर्थिक सहयोग रणनीति ब्रिक्स के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।” बैठक में ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति भी मौजूद थे। ब्रिक्स आर्थिक सहयोग रणनीति का लक्ष्य ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार की सरलता के लिए रूपरेखा तैयार करना है। यह इस तरह का पहला व्यापक दस्तावेज है, जो सहयोग के भौतिक, सांस्थानिक और आम लोगों का संपर्क जैसे बिल्कुल नए क्षेत्रों को पेश करता है। आपात भंडार व्यवस्था के जरिए सदस्य देश आपस में अपने स्थानीय मुद्रा व्यापार कर सकेंगे तथा ग्रीस कर्ज संकट और चीन के शेयर बाजारों गिरावट से पैदा हुई आर्थिक सुस्ती की आशंका से इसका महत्व बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि ब्रिक्स नवीन विकास बैंक एक वास्तविकता होने जा रहा है और एक भारतीय केवी कामत इसके पहले अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच सीमा-शुल्क की व्यवस्था भी व्यापार को बढ़ावा देने में बड़ा कदम साबित होगी। रूस का बाशकोर्तोस्तान गणराज्य सातवें ब्रिक्स और 15वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक का आयोजन कर रहा है, जहां दो बैठकों में 10,000 प्रतिनिधियों के पहुंचने की संभावना है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 100 अरब डॉलर के ब्रिक्स नवीन विकास बैंक और एक अन्य 100 अरब डॉलर के मुद्रा भंडार को औपचारिक मान्यता दी जाएगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

Continue Reading

Trending