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अन्तर्राष्ट्रीय

नवंबर में फिर मिलेंगे ब्रिक्स के नेता

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उफा (रूस)। ब्रिक्स देशों के नेताओं की अगली अनौपचारिक मुलाकात नवंबर में तुर्की में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में होगी। रूस के उपविदेश मंत्री सरगई रयाबकोव ने यह जानकारी गुरुवार को दी।

रयाबकोव ने कहा, “शिखर सम्मेलन के बाद की अवधि की हमारी योजना गंभीर काम की मांग करता है।” मंत्री ने कहा कि अगली मुलाकात जी20 समूह की मध्य नवंबर में तुर्की के अनताल्या में आयोजित होने वाली बैठक के इतर होगी। ब्रिक्स ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह है और इसके नेता रूस के बाशकोरतोस्तान गणराज्य की राजधानी उफा में आयोजित शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं। शिखर सम्मेलन का मुद्दा ‘ब्रिक्स साझेदारी- वैश्विक विकास में शक्तिशाली कारण’ है।

जून 2006 में गठित ब्रिक में सिर्फ चार देश ब्राजील, रूस, भारत और चीन थे, 2011 में दक्षिण अफ्रीका के जुड़ने से इसका नाम ब्रिक्स रखा गया। इसका लक्ष्य इसके सदस्य देशों के बीच सक्रिय, खुले तथा पारदर्शी संवाद तथा सहयोग को बढ़ावा देना है। इसकी पहली औपचारिक बैठक जून 2009 में रूस के येकातेरिनबर्ग में हुई थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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