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प्रादेशिक

उत्तर प्रदेश में 18 रेलगाड़ियां 45 दिनों के लिए रद्द

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लखनऊ| भारतीय रेल ने ठंड बढ़ने के साथ होने वाले घने कोहरे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश से चलने वाली 15 रेलगाड़ियां रद्द कर दी है। रेलगाड़ियां 31 दिसंबर से 15 फरवरी के बीच निरस्त रहेंगी। एक अधिकारी ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि जिन रेलगाड़ियों को रद्द किया गया है, उनमें जनता एक्सप्रेस, इलाहाबाद-हरिद्वार एक्सप्रेस, कुंभ एक्सप्रेस, लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस, बरौनी मेल, दिल्ली-सियालदह एक्सप्रेस और राजधानी एक्सप्रेस शामिल हैं।

अधिकारी ने माना ने कि रेलगाड़ियां रद्द होने से यात्रियों को परेशानी होगी, लेकिन उन्होंने कहा कि खराब मौसम के कारण वे असहाय हैं।

एक अधिकारी ने बताया, “हम यात्रियों के जीवन और सुरक्षा के लिए खतरा मोल नहीं ले सकते और न ही उन्हें रेलगाड़ियों के परिचालन में होने वाली अंतहीन देरी का भाजक बना सकते हैं।”

अधिकारी ने बताया कि शहर की सीमाओं पर घने कोहरे के कारण 12 से ज्यादा रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में मौसम और खराब होगा।

उत्तर प्रदेश

वरुण गांधी ने पीलीभीत की जनता के नाम लिखा पत्र, ‘बिना किसी पद के भी मेरे दरवाजे आपके लिए खुले’

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पीलीभीत। पीलीभीत से इस बार बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया गया है। बुधवार को नामांकन का आखिरी दिन था. इस प्रक्रिया के खत्म होने के बाद यह साफ हो गया है कि वरुण गांंधी पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। लोग वरुण गांधी को लेकर कई तरह के कयास लगा रहे थे। इस बीच वरुण गांधी ने एक भावुक पत्र जनता के नाम पर लिखा है। उन्होंने कहा, ‘भले ही कोई कीमत चुकानी पड़े, अपनी सेवा में हमेशा तत्पर रहूंगा’। यह पत्र उन्होंने एक्स पर अपने ​अधिकारिक अकाउंट पर शेयर किया है। उन्होंने अपने पत्र में जनता के लिए लिखा, बिना किसी पद के भी आपके के लिए मेरे दरवाजे खुले रहने वाले हैं।

वरुण गांधी ने अपने पत्र ​में लिखा, आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं, तो अनगिनत यादों ने उन्हें भावुक कर दिया है। उन्हें वो 3 साल का एक छोटा बच्चा याद आ रहा है, जो अपनी मां की उंगली पकड़ कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था। उसे क्या पता था कि एक दिन यह धरती उसकी कर्म भूमि हो जाएगी। वरुण ने आगे लिखा, “मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं, उन्हें पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि महज एक सांसद के तौर पर नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, सरलता और सहृदयता का काफी बड़ा योगदान है।

पीलीभीत से सांसद रहने को लेकर वरुण गांधी ने खुद के जीवन का सबसे बड़ा सम्मान कहा है। उन्होंने कहा, “आपका प्रतिनिधि होना उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया। मैं अपनी क्षमता से आपके हितों को लेकर आवाज उठाता रहूंगा। एक सांसद के नाते मेरा कार्यकाल भले की खत्म हो गया हो। मगर पीलीभीत से उनके संबंध अंतिम सांस तक खत्म नहीं होने वाले हैं।

 

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