प्रादेशिक
केरल विधानसभा से विपक्ष का बहिर्गमन
तिरुवनंतपुरम| केरल विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को शुरू हुआ और विपक्ष ने सदन से बर्हिगमन कर दिया। विपक्ष ने बहिर्गमन का फैसला तब किया, जब उसे स्थगन प्रस्ताव का आग्रह नामंजूर कर दिया गया।
स्थगन प्रस्ताव का आग्रह एक बार घोटाले पर चर्चा के लिए था। अरोप है कि इस मामले में राज्य के वित्त मंत्री के.एम.मणि को कथित रूप से बचाया जा रहा है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एस.शर्मा ने सदन में स्थगन प्रस्ताव पेश करने की अनुमति मांगते हुए कहा कि बार घोटाले की जांच शुरू होने के समय से ही सत्ता का इस्तेमाल कर इसके साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है।
शनिवार ऐसी रपट सामने आई थी कि सतर्कता विभाग ने मणि को क्लीन चिट देने का फैसला किया है, क्योंकि मामले में उनकी संलिप्तता की पुष्टि जांच में नहीं हो पाई।
शर्मा ने कहा, “सतर्कता विभाग के निदेशक के अधीन जांच हो रही है, लेकिन इसके पीछे दिमाग मुख्यमंत्री ओमन चांडी का लगा हुआ है और कानून का उल्लंघन हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि यह बेहद हैरान करने वाला है कि सतर्कता निदेशक ने पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता एल.नागेश्वर राव से कानूनी सलाह मांगी, जो कि सर्वोच्च न्यायालय में राज्य सरकार की शराब नीति के किलाफ क्लासिफाइड होटल्स एसोसिएशन के वकील हैं।
केरल के वित्त मंत्री उस वक्त से आलोचना का सामना कर रहे हैं, जब एक बार मालिक बीजू रमेश ने अक्टूबर में दावा किया था कि मणि को बार खुलवाने के लिए एक करोड़ रुपये रिश्वत दी गई थी। राज्य सरकार की शराब नीति के अंतर्गत बार बंद हैं।
इन आरोपों के बाद राज्य सरकार ने सतर्कता विभाग को जांच के आदेश दिए।
शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए राज्य के गृह मंत्री रमेश चेन्निथला ने कहा कि यह एक दुर्लभ घटना है, जहां एक निवर्तमान मंत्री के खिलाफ जांच शुरू की गई है तथा जांच कानून के तहत हुई।
चेन्निथला ने कहा, “पूर्ववर्ती वाम सरकार (2006-11) में करीब 25 मामले सामने आए थे और जांच हुई थी, जांच अधिकारियों को सबूत भी मिले थे, लेकिन मामले को राज्य के उच्च अधिकारी आगे नहीं ले गए।”
पूरे विपक्ष के सदन से बाहर चले जाने से पहले विपक्ष के नेता वी.एस.अच्युतानंदन ने कहा कि चांडी इस पूरे मामले में असली खलनायक हैं।
उत्तर प्रदेश
हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार
हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।
इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।
शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।
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