Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

योग जीवनशैली की बीमारियों से बचा सकता है : नड्डा

Published

on

jp nadda

Loading

हैदराबाद। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रविवार को यहां कहा कि योग जीवनशैली के रोगों से दूर रख सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जीवनशैली में छोटी-मोटी बीमारियां बड़ी चुनौतियां हैं और इनसे मुकाबला करने में योग मददगार साबित हो सकता है।

नड्डा ने कहा कि योग से मानव शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ती है और शरीर को बीमरियों से लड़ने की ताकत मिलती है। उन्होंने कहा, “हमने संक्रामक बीमारियों पर तो नियंत्रण पा लिया है, लेकिन जीवनशैली की बीमारियां जैसे तनाव, मधुमेह, कैंसर, दिल का दौरा आज के समय में स्वास्थ्य की बड़ी चुनौतियां हैं और योग इन सबका निदान है।”

नड्डा ने यह भी कहा कि योग को सिर्फ स्वास्थ्य एवं शारीरिक अभ्यास के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। इससे योग के साथ न्याय नहीं हो पाएगा। यह जीवात्मा को परमात्मा से मिलाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि योग तन, मन, चेतन और आत्मा का संयोग है। नड्डा और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने संजीवैया पार्क में योग किया। उन्होंने कहा कि योग को एक दिन की गतिविधि के रूप में नहीं लेना चाहिए, बल्कि इसे स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली में शुमार करना चाहिए।

नड्डा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दुनियाभर में करोड़ों लोगों ने योग कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। उन्होंने इसे विश्व की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य गतिविधि करार दिया। उन्होंने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सराहना की।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending