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प्रादेशिक

उप्र : ट्रेन की चपेट में आकर 2 की मौत

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फतेहपुर,उत्तर प्रदेश,सदर कोतवाली क्षेत्र,हरिहरगंज रेलवे क्रॉसिंग,हरिप्रसाद

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फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद में सदर कोतवाली क्षेत्र के हरिहरगंज रेलवे क्रॉसिंग व स्टेशन के समीप एक ट्रेन की चपेट में आ जाने से 65 वर्षीया महिला सहित दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार, हुसैनगंज थाना क्षेत्र के सकूलपुर गांव निवासी रामसेवक का पुत्र हरिप्रसाद शहर किसी काम से आया था। उसकी रिश्तेदारी देवीगंज मोहल्ले में थी। वह रिश्तेदारी में जा रहा था। हरिहरगंज रेलवे क्रॉसिंग पार करते समय वह अचानक ट्रेन की चपेट में आ गया।  उधर, खखरेरू थाना क्षेत्र के ग्राम बैरी निवासी पितइया अपनी पत्नी बेलपति के साथ रात में ट्रेन से कानपुर आया। वहां दोनों मथुरा एक्सप्रेस में बैठ गए। जब उन्हें पता चला कि मथुरा एक्सप्रेस खागा स्टेशन पर नहीं रुकती तो दंपति फतेहपुर रेलवे स्टेशन पर उतर गए और रेलवे लाइन पार करने लगे। उसी दौरान उसकी पत्नी ट्रेन की चपेट में आ गई। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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