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अन्तर्राष्ट्रीय

विश्व कप मेजबानी को लेकर जांच की जरूरत नहीं : पुतिन

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सेंट पीटर्सबर्ग| रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फीफा विश्व कप-2018 की मेजबानी रूस को दिए जाने पर उठ रहे सवालों को दरकिनार करते हुए कहा है कि इस संबंध में फुटबाल की विश्व नियामक संस्था फीफा के खिलाफ उनके देश द्वारा जांच कराए जाने की कोई जरूरत नहीं है। पुतिन के अनुसार 2018 में फुटबाल विश्व कप अपने तय समय के अनुसार होगा।

पुतिन ने यहां आईएएनएस सहित दुनिया भर से आए विभिन्न समाचार एजेंसियों के पत्रकारों से कहा, “रूस ने यह मेजबानी ईमानदारी से हासिल की है। अगर किसी के पास कोई सबूत है तो उसे सामने लाए।”

पुतिन ने साथ ही कहा कि वह विश्व कप-2018 की मेजबानी के लिए फिर से नई चयन प्रक्रिया अपनाए जाने के भी खिलाफ हैं।

गौरतलब है कि ब्रिटेन ने कहा है कि अगर विश्व कप की मेजबानी रूस से छीनी जाती है तो वह इसके आयोजन के लिए तैयार है। पुतिन ने हालांकि कहा कि ब्रिटेन ने निविदा के समय मेजबानी हासिल करने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं किए।

सेंट पीटर्सबर्ग में अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच को कवर करने पहुंचे पत्रकारों ने पुतिन से फीफा में व्याप्त भ्रष्टाचार और हाल में हुए इस संबंध में खुलासों पर कई सवाल पूछे। पुतिन ने कहा कि इसकी जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए और किसी एक देश को दूसरे देश के नागरिक पर अभियोग नहीं चलाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका और स्विट्जरलैंड की जांच एजेंसियों ने हाल में फीफा के पूर्व अधिकारियों से संबंधित भ्रष्टाचार के कई मामलों का खुलासा किया है।

पुतिन ने कहा कि रूस ने विश्व कप की मेजबानी हासिल करने के लिए वैध रास्ते अपनाए। पुतिन के अनुसार फीफा या इसके अधिकारियों द्वारा किसी नियम के उल्लंघन के मामले को न्यायालय में सुलाझाया जाना चाहिए।

पुतिन ने कहा, “हम भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई के पक्ष में हैं।”

 

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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