अन्तर्राष्ट्रीय
आईएसएस पहुंचा वैज्ञानिकों का नया दल
वाशिंगटन| अमेरिका, रूस और इटली के तीन और वैज्ञानिक सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) पहुंच गए। नासा (अमेरिका) के टेरी वर्ट्स, रसिया फेडरल स्पेस एजेंसी (रोसकोसमोस) के सोयुज कमांडर एंटन श्काप्लेरोव और यूरोपियन स्पेस एजेंसी की समांथा क्रिस्टोफोरेट्टी का अंतरिक यान रसियन सोयुज कजाखिस्तान के बैकोनुर कोस्मोड्रोम से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया।
समांथा क्रिस्टोफोरेट्टी आईएसएस पहुंचने वाली पहली इटालियन महिला वैज्ञानिक हैं।
तीनों नए सदस्य नासा के एक्पेंडिशन 42 के कमांडर बैरी विल्मोर और रोसकोसमोस के फ्लाइट इंजीनियर एलेक्जेंडर सामोकुत्येव और एलेना सेरोवा के साथ काम करेंगे, जो सितंबर महीने से आईएसएस में काम कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों का दल छह महीने तक अंतरिक्ष में स्थापित प्रयोगशाला में रुककर सैकड़ों वैज्ञानिक जांच एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े प्रयोग करेंगे।
नासा के अनुसार, वैज्ञानिकों का दल आईएसएस की प्रयोगशाला में मानवीय अनुसंधान, जैविक एवं भौतिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी विकास और पृथ्वी अवलोकन के साथ ही साथ शैक्षिक गतिविधियों से जुड़े प्रयोगों को अंजाम देगा।
विल्मोर, सामोकुत्येव और सेरोवा मार्च 2015 में वापस लौटने वाले हैं, जिसके बाद वर्ट्स आईएसएस में एक्पेंडिशन 43 के कमांडर बन जाएंगे।
वर्ट्स, श्काप्लेरोव और क्रिस्टोफोरेट्टी मई 2015 में पृथ्वी पर लौटेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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