अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिकी नागरिक 43 वर्षो के कारावास के बाद रिहा
वाशिंगटन | अमेरिका की जेल में 43 साल से कैद रहे एक अमेरिकी नागरिक को न्यायाधीश ने रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। यह व्यक्ति ऐसे मामले में पिछले 43 सालों से जेल में बंद है, जिससे वह इंकार करता आया है। मंगलवार को जारी मीडिया रपटों से यह जानकारी मिली। समाचार चैनल ‘सीएनएन’ के मुताबिक, अमेरिकी जिला न्यायाधीश जेम्स जे.ब्राडी ने सोमवार को कहा कि अल्बर्ट वूडफॉक्स (68) को जेल से रिहा किया जाना चाहिए और उनकी उम्र, खराब स्वास्थ्य और तीसरी निष्पक्ष सुनवाई में अदालत के विश्वास की कमी की वजह से असाधारण परिस्थितियों की वजह से तीसरी सुनवाई नहीं होनी चाहिए।
वूडफॉक्स ‘अंगोला 3’ समूह का आखिरी कैदी सदस्य है। कैदियों का यह समूह 1972 में अंगोल के लुसियाना में गार्ड ब्रेंट मिलर की हत्या का दोषी है। वूडफॉक्स सशस्त्र डकैती के मामले में सजा काट चुका है। वूडफॉक्स ने कहा कि उसने जेल में हुए अन्यायों को उजागर करने की कोशिश की। उसे फंसाया गया है। हालांकि, संघीय अदालत ने पिछले साल वूडफॉक्स की सजा को पलट दिया था। लुसियाना के अटॉर्नी जनरल कार्यालय ने न्यायाधीश के फैसले पर तत्काल रोक लगाना चाहता है।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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