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नेशनल

राष्ट्रपति ने भी देखी ‘पीकू’

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फिल्म निर्देशक शूजित सरकार की फिल्म ‘पीकू’ के प्रशंसकों की तादाद में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का नाम भी जुड़ गया है। राष्ट्रपति ने एक विशेष स्क्रीनिंग में यह फिल्म देखी। उन्हें फिल्म न सिर्फ बेहद पसंद आई, बल्कि बांग्ला शैली से प्रभावित फिल्म के संवादों के भी वह कायल हो गए।

फिल्म की कहानी पिता-पुत्री के रिश्ते के बारे में है। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने फिल्म में एक जिम्मेदारी और नि:स्वार्थ बेटी की भूमिका निभाई है, जिसका आधा से ज्यादा समय अपने पिता (अमिताभ बच्चन) की कब्ज की बीमारी के बारे में सुनते हुए गुजरता है।

दीपिका, अमिताभ और इरफान खान की मुख्य भूमिकाओं वाली फिल्म ‘पीकू’ आठ मई को प्रदर्शित हुई थी, लेकिन राष्ट्रपति भवन में रविवार रात मुखर्जी के लिए फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग रखी गई।

अमिताभ ने अपने ब्लॉग में बताया कि राष्ट्रपति को फिल्म कितनी पसंद आई। उन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज रात (रविवार) ‘पीकू’ देखी और मैं कह सकता हूं कि उन्हें फिल्म बेहद पसंद आई। सबसे ज्यादा उन्हें फिल्म में बांग्ला शैली में बोले गए संवाद पसंद आए। बाद में उन्होंने हमें रात्रिभोप पर आमंत्रित किया और उस दौरान भी हम फिल्म के बारे में बातें करते रहे।”

अमिताभ ने राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया कि उन्होंने फिल्म देखने के लिए वक्त निकाला।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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