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ओडिशा : औद्योगीकरण, शहरीकरण बन रहे हाथियों के लिए अभिशाप

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भुवनेश्वर| हाथियों को राष्ट्रीय धरोहर पशु का दर्जा प्राप्त है, बावजूद इसके राज्य में उन्हें बचाने के लिए कुछ खास नहीं किया गया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य में पिछले सात सालों में 427 हाथियों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों के मुताबिक हाथियों की मौत का प्रमुख कारण औद्योगीकरण और शहरीकरण है।

हाथी लगातार मानव बस्तियों में जबरन घुस रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप दोनों में संघर्ष होता रहता है।

वन विभाग के एक अधिकारी नेबताया कि मानव और हाथियों के इस संघर्ष में सितंबर तक कम से कम 23 मनुष्यों और 26 हाथियों की मौत हो चुकी है।

ज्यादातर हाथी आप्राकृतिक रूप से मरते हैं क्योंकि उन्हें या तो अवैध शिकार कर मार दिया जाता है या फिर जहर खिलाकर और बिजली के करंट से उनकी जान ले ली जाती है।

2012 में हुई हाथियों की जनगणना के मुताबिक, इनकी संख्या 2010 में 1,886 थी जो दो साल में बढ़कर 1,930 पहुंच गई, वहीं 149 हाथियों की मौत हो गई, जिसमें से ज्यादातर शिकार या फिर बिजली के करंट से मारे गए थे।

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 2009-10 में 52 हाथियों की मौत हुई थी, 2010-11 में 83, 2011-12 में 68, 2012-13 में 82 और 2013-14 में 70 हाथियों की मौत हो चुकी है।

एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि मानव और हाथियों के संघर्ष में 2009-10 से इस साल सितंबर तक 353 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।

वन्यजीव कार्यकर्ता लाला ए. के. सिंह ने आईएएनएस को बताया, “हाथी एक घुमक्कड़ जानवर है। यह एक जगह पर रुका नहीं रह सकता। ये भोजन की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते हैं। औद्योगीकरण और शहरीकरण ने हाथियों को किसी भी इलाके में जाने पर मजबूर कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उनका शिकार हो रहा है और वे बिजली के करंट लगने से मर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि राज्य के 30 जिलों में से अब 28 जिलों में हाथी मिलते हैं।

विशेषज्ञों ने सरकार और नागरिकों से गुहार लगाई है कि इन स्तनधारियों को बचाने की जिम्मेदारी लें।

राज्य में तीन हाथी अभयारण्य हैं- मयूरभंज, महानदी और संभलपुर। 14 हाथी गालियारों वाला यह इलाका 870 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

सरकार ने हाथियों की हिफाजत के लिए पूरे हाथी गलियारे में पारेषण लाइनें बिछाने हेतु 2013-14 में प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) के अंतर्गत 21 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

सरकार ने भी बिजली करंट वाले तारों से जानवरों की रक्षा के लिए हर जिले में जिला स्तरीय समन्वय समितियों का गठन किया है। लेकिन बिजली के तारों से बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं।

खनन गतिविधियों और औद्योगीकरण के कारण तेजी से खत्म हो रहे पर्यावास की वजह से भी हाथियों के बचने की संभावना कम होती जा रही है।

अधिकारी कहते हैं कि खनन कंपनियों ने वन भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है और हाथी गलियारे के साथ छेड़छाड़ की है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एस. एस. श्रीवास्तव ने आईएएनएस को बताया, “राज्य में हाथियों की मौत का सबसे बड़ा कारण खनन है। हम औद्योगीकरण और विकास चाहते हैं, पर इससे किसी वन्यजीव की जान की हानि नहीं होनी चाहिए।”

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लोकसभा चुनाव: उत्तराखंड की पांच सीटों पर मतदान जारी, बीजेपी प्रत्याशी अजय भट्ट ने डाला वोट

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देहरादून। लोकसभा चुनाव के तहत आज उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। लोग अपने घरों से निकल कर अपने मताधिकार का उपयोग करने मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। मतदान केंद्रों के बाहर लोगों की लंबी लंबी कतारें लगी हुई हैं। देश के इस महापर्व को मानने के लिए लोगों में उत्साह दिखाई दे रहा है।

पुरुषों के साथ महिलाएं भी वोट के लिए लाइनों में लगी हैं। बुजुर्ग, महिलाएं, पुरुष, युवा सभी लोग अपना वोट डालने मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में डीएम सोनिका सिंह ने मतदान केंद्र पहुंचकर मतदान किया। अपर मुख्य राज्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे भी अपनी पत्नी के साथ मतदान केंद्र पहुंचे और मतदान किया। वहीं उत्तराखंड के पूर्व सीएम और पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने टिहरी लोकसभा सीट के, मसूरी विधानसभा क्षेत्र में बूथ संख्या 83 में बेटी आरुषि निशंक एवं विदुशी निशंक के साथ मतदान करके लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी की।

नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय भट्ट ने रानीखेत में अपने मत का प्रयोग किया। अजय भट्ट जिस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं रानीखेत उससे दूर है लेकिन लोकतंत्र के महापर्व पर वो रानीखेत गए और वोट डाला। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा ने अल्मोड़ा के दुगालखोला पंचायत घर में वोट डाला। भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा ने अपनी पत्नी के साथ पहुंचकर किया मतदान।

पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी ने नकोट में वोट डाला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए बताया कि- आज विकसित भारत संकल्प के लिए अपने गांव में मतदान किया। अवश्य मतदान करें, सोच विचार कर करें। आपका एक वोट आपके लिए सरकार चुनता है और देश का भविष्य तय करता है। सक्षम, विकसित और उज्जवल भारत के लिए अवश्य मतदान करें। वन्दे मातरम्! भारत माता की जय!

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