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आईपीएल-8 : मुंबई ने चेन्नई को 41 रनों से हरा जीता खिताब

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कोलकाता | शुरुआती छह में से मात्र एक जीत हासिल कर आईपीएल-8 का बेहद खराब शुरुआत करने वाली और एक समय टूर्नामेंट से बाहर जाती लग रही मुंबई इंडियंस टीम ने जबरदस्त वापसी करते हुए रविवार को इडेन गार्डन्स स्टेडियम में हुए फाइनल मुकाबले में दो बार की चैम्पियन चेन्नई सुपर किंग्स को 41 रनों से हराकर खिताब पर कब्जा जमा लिया। मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा (50) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी और लेंडल सिमंस (68) के साथ 119 रनों की तूफानी साझेदारी निभाई, जिसकी बदौलत मुंबई ने 202 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया और उसके बाद मुंबई के गेंदबाजों ने शानदार दबाव बनाते हुए सुपर किंग्स को निर्धारित ओवरों में 161 रनों पर सीमित कर दिया।

बड़े लक्ष्य को देखते हुए सुपर किंग्स की शुरुआत अच्छी नहीं कही जा सकती। उनके शुरुआती विकेट तो जल्दी नहीं गिरे लेकिन सलामी बल्लेबाजों पर बड़े स्कोर का दवाब स्पष्ट दिख रहा था। ड्वायन स्मिथ (57) को शॉट लेने में संघर्ष करते दिख रहे थे। जिसका दबाव दूसरे छोर पर खड़े माइकल हसी (4) पर भी देखा गया और हसी के तेज लेकिन नीची रही शॉट पर कवर पॉइंट पर खड़े जगदीश सुचित ने कमाल का कैच लिया। इसके बाद आए सुरेश रैना (28) ने स्मिथ के साथ रन गति को थोड़ा जरूर बढ़ाया, लेकिन कभी भी वे आक्रामक नजर नहीं आए। इस बीच स्मिथ ने 45 गेंदों में आठ चौके और एक छक्के की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया। हालांकि अगले हरभजन सिंह के अगले ओवर में वह अपनी बाउंड्री में सिर्फ एक इजाफा कर सके और 12वें ओवर की पांचवीं गेंद पर पगबाधा हो पवेलियन लौटे।

इसके बाद सुपर किंग्स के विकेटों के गिरने का जैसे सिलसिला शुरू हो गया। हरभजन ने अपने अगले ओवर में रैना को हर्षल पटेल के हाथों कैच आउट करवा दिया। ड्वायन ब्रावो (9), महेंद्र सिंह धौनी (18), फाफ दू प्लेसिस (1) और पवन नेगी (3) से टीम को उम्मीद थी, लेकिन बड़े लक्ष्य का दबाव वे नहीं सह सके और सस्ते में अपने विकेट गंवाते चले गए। इस बीच सुपर किंग्स का आस्किंग रेट भी पहाड़ सरीखा हो चला। सुपर किंग्स को आखिरी पांच ओवरों में 91 रन चाहिए थे, जबकि आखिरी दो ओवरों में यह लक्ष्य 66 रन था।

असंभव से लक्ष्य के बावजूद मोहित शर्मा (नाबाद 21) ने बल्लेबाजी का लुत्फ उठाते हुए एक चौका और दो शानदार छक्के लगाए। अंतत: रिकॉर्ड छठा फाइनल खेल रही दो बार की चैम्पियन सुपर किंग्स निर्धारित ओवरों में आठ विकेट खोकर 161 रन ही बना सकी। मुंबई के लिए मिशेल मैक्लेनगन ने सर्वाधिक तीन, जबकि मलिंगा और हरभजन ने दो-दो विकेट हासिल किए। इससे पहले, मुंबई इंडियंस ने रोहित और सिमंस के बीच दूसरे विकेट के लिए हुई तूफानी 119 रनों की साझेदारी की बदौलत निर्धारित 20 ओवरों में मुंबई ने पांच विकेट गंवाकर 202 रन बनाए।

सुपर किंग्स को तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने पहले ही ओवर में पार्थिव पटेल को खाता खोले बगैर पवेलियन की राह दिखा आक्रामक शुरुआत दिलाई। पटले को फाफ दू प्लेसिस रन आउट होकर पवेलियन लौटे। मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित ने लेकिन सिमंस के साथ शतकीय साझेदारी कर सुपर किंग्स पर करारा पलटवार किया और टीम को दमदार स्थिति में पहुंचा दिया। रोहित, सिमंस के क्रीज पर रहते मुंबई 12 ओवरों में 120 रन बना चुका था। सुपर किंग्स ने भी यू-टर्न लेते हुए लगातार दो गेंदों पर रोहित और सिमंस को पवेलियन की राह दिखा दी और विशालकाय स्कोर की ओर बढ़ रहे मुंबई पर थोड़ी लगाम जरूर लगा दी।

रोहित 25 गेंदों पर छह चौके और दो छक्कों की मदद से अर्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद अगली ही गेंद पर रवींद्र जडेजा के हाथों लपके गए। कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने सभी को चौंकाते हुए 13वें ओवर में आक्रमण पर ड्वायन स्मिथ को बुलाया। हालांकि स्मिथ ने कप्तान के फैसले को बिल्कुल सही ठहराते हुए पहली ही गेंद पर सिमंस का विकेट चटका दिया। सिमंस 45 गेंदों पर आठ चौके और तीन छक्के लगाकर क्लीन बोल्ड हो पवेलियन लौटे। लगातार दो विकेट गिरने के बावजूद रोहित और सिमंस ने आगामी बल्लेबाजों के लिए मजबूत आधार तैयार कर दिया था। अंबाती रायडू (नाबाद 36) और कीरन पोलार्ड (36) ने इस मजबूत आधार का भरपूर लाभ उठाते हुए चौथे विकेट के लिए 71 रनों की तेज साझेदार निभाई।

स्मिथ के पास 18वें ओवर की पांचवीं गेंद पर इस साझेदारी को तोड़ने की सुनहरा मौका था लेकिन वह रायडू का एक आसान कैच छोड़ बैठे। पोलार्ड के 19वें ओवर की पांचवीं गेंद पर आउट होने के साथ यह साझेदारी टूटी। मोहित की गेंद पर सुरेश रैना को कैच थमाने से पहले पोलार्ड ने 18 गेंदों का सामना कर दो चौके और तीन छक्के लगाए। हमेशा की तरह आखिरी ओवर लेकर आए ड्वायन ब्रावो ने हार्दिक पांड्या को खाता खोलने का भी मौका नहीं दिया। पांड्या का कैच भी रैना ने ही लिया। ब्रावो ने सुपर किंग्स के लिए सर्वाधिक दो विकेट लिए और कुल 26 विकेट के साथ वह आईपीएल में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।

नेशनल

कर्नाटक के मंत्री बोले- मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री शिवराज तंगाडागी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने वाले युवकों और छात्रों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए। मंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वह विकास के मोर्चे पर भी विफल रही है।

“दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था”

तंगाडागी ने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए। वे विकास का एक काम तक नहीं कर पाए, फिर किस मुंह से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। क्या उन्होंने किसी को नौकरी दी। जब नौकरियों के बारे में पूछो तो वे कहते हैं- पकौड़े बेचो, उन्हें शर्म आनी चाहिए।” कोप्पल जिले के करातागी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर कोई छात्र या युवक अब भी ‘मोदी-मोदी’ कहे तो उन्हें थप्पड़ मारे जाने चाहिए

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने मंत्री की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के बहुत बुरी तरह से हारने को भांपकर वे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह कहते हैं!” भाजपा ने निर्वाचन आयोग को याचिका देकर मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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