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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी रिकार्ड उच्च स्तर पर बंद 

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में एक फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.03 फीसदी या 287.97 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 28,334.63 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.04 फीसदी या 87.45 अंकों की तेजी के साथ 8,477.35 पर बंद हुआ। दोनों ही सूचकांक रिकार्ड उच्च स्तर पर बंद हुए।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से पिछले सप्ताह 18 में तेजी रही। भारती एयरटेल (3.22 फीसदी), सिप्ला (3.00 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (2.92 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (2.86 फीसदी) और लार्सन एंड टुब्रो (2.74 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स में गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहेबंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) , सन फार्मा (4.98 फीसदी), टाटा स्टील (3.42 फीसदी), गेल (2.73 फीसदी) और कोल इंडिया (2.64 फीसदी)।

गत सप्ताह एसबीआई के 10 रुपये अंकित मूल्य वाले प्रत्येक शेयरों को एक रुपये अंकित मूल्य वाले 10 शेयरों में विभाजित किया गया।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 0.40 फीसदी या 40.98 अंकों की तेजी के साथ 10,195.79 पर और स्मॉलकैप 0.97 फीसदी या 108.45 अंकों की तेजी के साथ 11,325.84 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सेंसेक्स शुक्रवार को रिकार्ड उच्च स्तर 28,334.63 पर बंद हुआ। निफ्टी भी शुक्रवार को रिकार्ड उच्च स्तर 8,477.35 पर बंद हुआ।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गत सप्ताह कहा कि महंगाई और खासकर खाद्य महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है और साथ अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत भी काफी कम हुई है। इसलिए यदि भारतीय रिजर्व बैं ब्याज दर में कटौती करने का फैसला लेता है, तो इससे अर्थव्यवस्था का काफी गति मिलेगी।

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने 19 नवंबर को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत दिखाई पड़ने लगे हैं। संगठन ने कहा कि देश को मूजबूत, टिकाऊ और समावेशी विकास के पथ पर लगाए रखने के लिए नए सुधारों को लागू किया जाना चाहिए।

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मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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