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प्रादेशिक

धातु उद्योग मुंबई से गुजरात जाएगा : अधिकारी

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मुंबई| महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित धातु उद्योग ने यहां से अपना कारोबार समेट कर गुजरात जाने का फैसला किया है। यह निर्णय राज्य सरकार के प्रतिकूल रवैए के कारण लिया गया है। इस उद्योग का कुल कारोबार 60,000 करोड़ रुपये सालाना है। एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। धातु एवं स्टेनलेस स्टील मर्चेट्स एसोसिएशन (एमएसएसएमए) के सचिव जितेंद्र शाह ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से एमएसएसएमए, गुजरात और राजस्थान सरकारों के संपर्क में है।

शाह ने आईएएनएस को बताया, “अडानी समूह ने हमें गुजरात के गांधीनगर में लगभग 75 एकड़ जमीन पर कार्यालय और आवासीय परिसरों के लिए एक पूर्ण विकसित बुनियादी ढांचा और भूमि का आकर्षक प्रस्ताव दिया है।”

मुंबई से कारोबार के जाने की संभावना से परेशान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अगले सप्ताह इस मुद्दे का हल निकालने के लिए एमएसएसएमए के साथ बैठक बुलाई है।

इससे पहले, सरकार ने एमएसएसएमए पर दादागिरी का आरोप लगाया था और कहा था कि एमएसएसएमए के सदस्य विभिन्न करों के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डगार गए हैं।

गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से एमएसएसएमए और राज्य सरकार में तकरार की स्थिति रही है। दरअसल, एमएसएसएमए बेहतर कार्य स्थिति और उचित बुनियादी ढांचे की मांग रहा है। क्योंकि उनके लिए दक्षिण मुंबई के तंग क्षेत्रों में कारोबार करना मुश्किल हो रहा है, जहां स्वच्छ सार्वजनिक शौचालयों की भी कमी है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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