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अन्तर्राष्ट्रीय

ईथियोपिया में निवेश के अवसर तलाशते भारतीय कारोबारी

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अदीस अबाबा| भारतीय कारोबारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां अपनी तीन दिनों की यात्रा के दौरान ईथियोपिया के अधिकारियों से निवेश की संभावना वाली विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा की, जिससे दोनों देशों को लाभ हो और आपसी सामाजिक-आर्थिक संबंध भी मजबूत हों।

प्रतिनिधिमंडल के 24 सदस्य सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), अवसंरचना, अस्पताल, बिजली, प्राकृतिक गैस, कागज, प्लास्टिक, खनन, स्टेनलेस मिल और मनोरंजन उद्योग से संबंधित थे।

दिल्ली में ईथियोपिया दूतावास के सहयोग से इस यात्रा का आयोजन करने वाली वर्ल्ड रिफ्लेक्शंस मैगजीन की मुख्य संपादक और प्रकाशक ऐश्वर्य लक्ष्मी ने आईएएनएस से कहा, “प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को सकारात्मक प्रतिक्रिया और सूचनाएं मिली हैं, जिससे उन्हें अपने पसंदीदा क्षेत्र में निवेश करने में मदद मिलेगी और इस संबंध में अधिक गहराई से जानकारी जुटाने के लिए एक-दो महीने में दोबारा आ सकते हैं।”

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “इससे दोनों पक्षों को लाभ होगा, क्योंकि इससे दोनों देशों में रोजगार पैदा होगा।”

ऐश्वर्य ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्य जानते हैं कि ईथियोपिया अफ्रीका में सबसे तेज विकास वाली अर्थव्यवस्था है और अफ्रीका में दूसरी जगह जहां वे गए हैं, उसके मुकाबले आम तौर पर नए अवसर के लिए यहां की अवसंरचना अधिक अनुकूल है। उन्होंने कहा कि ईथियोपिया निवेश और विकास की संभावनाओं के लिए खुला हुआ है।

उन्होंने कहा, “यद्यपि भारतीय निवेशकों ने ईथियोपिया के लगभग हर क्षेत्र में निवेश किया हुआ है, फिर भी निवेश के और अधिक अवसर हैं।”

ऐश्वर्य ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्रालय, खदान मंत्रालय, जल, सिंचाई और ऊर्जा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सूचना, प्रौद्योगिकी और संचार मंत्रालय तथा अन्य मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की। यहां के भारतीय दूतावास ने उन्हें साधारण कारोबारी माहौल और प्रासंगिक बातों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ सदस्य अपनी निवेश योजना पर आगे बढ़ने के लिए अगले कुछ सप्ताह या महीने में वापस आ सकते हैं।

ईथियोपियन इनवेस्टमेंट कमीशन के अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को एक प्रस्तुति के जरिए ईथियोपिया की निवेश नीति, निवेश और बाजार के अवसरों की जानकारी दी और भारतीय निवेशकों के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र भी बताए।

प्रतिनिधिमंडल के कई सदस्यों ने खनन, स्वास्थ्य तथा अन्य क्षेत्रों में रुचि भी दिखाई।

एक प्रिंटिंग कंपनी ने एक नए पिंट्रिंग संयंत्र स्थापित करने में रचि दिखाई। एक छोटे प्रिंटिंग कारोबारी के मुताबिक ईथियोपिया में प्रिटिंग क्षेत्र पर सरकार का एकाधिकार है, जिसकी गुणवत्ता भी अच्छी नहीं है।

कारोबारी ने बताया, “हम बाहरी प्रौद्योगिकी से लाभान्वित होना चाहते हैं, क्योंकि सरकार ने इस क्षेत्र के निवेश पर एकाधिकार कर रखा है। यहां आए भारतीय प्रिंटिंग कारोबारियों ने कहा है कि वे स्थानीय प्रिंटिंग प्रेस को बेहतर सहयोग और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद दे सकते हैं।”

अस्पताल क्षेत्र से संबंधित प्रतिनिधि ने कहा कि वे ईथियोपिया में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र और उसमें काम आने वाली प्रौद्योगिकी को समझना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह वापस आएंगे।

प्रतिनिधिमंडल में एक सदस्य मुहम्मद अली भी थे, जिन्होंने बॉलीवुड और टॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया है। मास्क प्रोडक्शंस एवं बीटीवी भी ईथियोपिया के फिल्म उद्योग में निवेश करना चाहते हैं, जो अभी शैशवावस्था में है।

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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