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राजस्थान के सामने कड़ी चुनौती पेश करेंगे डेयरडेविल्स

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मुंबई। दिल्ली डेयरडेविल्स और राजस्थान रॉयल्स टीमें रविवार को ब्रेबार्न स्टेडियम में आमने-सामने होंगी। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आठवें संस्करण में खराब शुरुआत के बाद कुछ बेहतर प्रदर्शन करते नजर आ रहे डेयरडेविल्स जीत का क्रम बनाए रखना चाहेंगे। डेयरडेविल्स ने अपने पिछले मैच में घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला पर शुक्रवार को किंग्स इलेवन पंजाब को नौ विकेट से हराया था। आईपीएल के मौजूदा संस्करण का पहला मैच खेलते हुए अनुभवी तेज गेंदबाज जहीर खान ने दो शुरुआती विकेट चटकाए।

इसके बाद नाथन कोल्टर नील ने 20 रन देकर चार विकेट हासिल करते हुए मेहमान टीम की बल्लेबाजी को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। दूसरी ओर, रॉयल्स की बात करें तो टीम के लिए पिछले दो मैच के अनुभव बहुत अच्छे नहीं रहे। टीम को शुक्रवार को मुंबई इंडियंस से आठ रनों से हार का सामना करना पड़ा जबकि इससे पहले रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ बुधवार का मैच बारिश के कारण रद्द करना पड़ा।

इस संस्करण में लगातार पांच जीत के साथ शानदार शुरूआत करने वाले रॉयल्स को आखिरी पांच मैचों में तीन में हार का सामना करना पड़ा है। टीम जरूर 12 अंकों के साथ दूसरे पायदान पर है लेकिन जीत के लय को बरकरार रखने में रॉयल्स विफल रहे हैं। डेयरडेविल्स ने इसके उलट अंकतालिक में ऊपर आने का कार्य किया है। टीम आठ मैचों में चार जीत के साथ अंकतालिका में चौथे पायदान पर है। डेयरडेविल्स के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल और श्रेयष अय्यर ने पिछले मैच में किंग्स इलेवन के खिलाफ 106 रनों की साझोदारी की थी। उनकी कोशिश इस प्रदर्शन को यहां भी बरकरार रखने की होगी।

रॉयल्स को जरूर हाल के दिनों में कुछ हार का सामना करना पड़ा है लेकिन अपने बल्लेबाजों अजिंक्य रहाणे, शेन वाटसन, स्टीव स्मिथ और संजू सैमसन के दम पर टीम एक बार फिर जीत की ओर लौटने की कोशिश करेगी। रहाणे आईपीएल के इस संस्करण में 339 रन बना चुके हैं और सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शीर्ष पर हैं।

टीम (संभावित) :

दिल्ली डेयरडेविल्स : ज्यां पॉल ड्यूमिनी (कप्तान), युवराज सिंह, मयंक अग्रवाल, मनोज तिवारी, नाथन कोल्टर नील, एंजेलो मैथ्यूज, अमित मिश्रा, मोहम्मद समी, एल्बी मोर्कल, क्विंटन डी कॉक, जहीर खान, चिदंबरम गौतम, ट्रेविस हेड, इमरान ताहिर, श्रेयष अय्यर, केदार जाधव, के. के. जियास, डोमनिक जोसफ, शाबाज नदीम, गुरिंदर संधू, मार्कस स्टोइनिस, सौरभ तिवारी, जयदेव उनादकत, जयंत यादव, श्रीकर भरत।

राजस्थान रॉयल्स : शेन वाटसन (कप्तान), स्टीव स्मिथ, संजू सैमसन, अजिंक्य रहाणे, दीपक हुडा, जेम्स फॉल्कनर, करुण नायर, स्टुअर्ट बिन्नी, क्रिस मोरिस, प्रवीण तांबे, अंकित शर्मा, अभिषेक नायर, धवल कुलकर्णी, दिशांत याग्निक, राहुल तेवतिया, रजत भाटिया, बारिंदर सिंह शरण, दिनेश सालुंखे, सागर त्रिवेदी, प्रदीप साहू, विक्रमजीत मलिक, टिम साउदी, रस्टी थेरॉन।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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