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धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रपट की भारत ने आलोचना की

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नई दिल्ली | भारत ने अमेरिका सरकार के एक आयोग की उस रपट की आलोचना की है, जिसमें देश में 2014 के आम चुनाव और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बीच संबंध होने की बात कही गई है। रपट के मुताबिक, 2014 के आम चुनाव के बाद से ही भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं द्वारा अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं। इसके साथ ही आरएसएस और वीएचपी जैसे हिंदू राष्ट्रवादी समूहों द्वारा अल्पसंख्यकों पर हिंसक हमले और उनका जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, “यूएससीआईआरएफ की रपट ने हमारा ध्यान खींचा, जिसे भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर पारित किया गया था। यह रपट भारत, भारतीय संविधान और भारतीय समाज की सीमित समझ पर आधारित है।” उन्होंने कहा, “हम इस रपट पर कोई संज्ञान नहीं लेते।” अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने अपनी 2015 की वार्षिक रपट 30 अप्रैल को जारी की। आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, “यूएससीआईआरएफ एक स्वतंत्र, द्विदलीय अमेरिकी संघीय सरकार का एक आयोग है, जो विश्व में अपनी तरह का पहला आयोग है। यह धर्म की स्वतंत्रता के सार्वभौमिक अधिकार का रक्षक है।”

वेबसाइट के मुताबिक, “यूएससीआईआरएफ धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघनों के तथ्यों और स्थितियों की समीक्षा करता है और राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और कांग्रेस के सुझावों पर नीतियों का निर्माण करता है। यूएससीआईएरएफ के आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति और दोनों राजनीतिक दलों के काग्रेसनल नेतृत्व द्वारा की जाती है।” इस वार्षिक रपट के पांच पृष्ठों में भारत पर चर्चा की गई है। इसमें भारत को 10 अन्य देशों के साथ दूसरी श्रेणी के देशों में रखा गया है, जिसका अभिप्राय है कि ऐसे देश, जिनकी सरकारें व्यवस्थागत, मौजूदा, और प्रबल मानकों के कम से कम किसी एक तत्व को या तो नजरअंदाज करते हैं या उससे जुड़े हुए हैं, लेकिन वे सीपीसी के मानक पर पूर्णत: खरा नहीं उतरते।

सीपीसी से अभिप्राय है विशेष चिंता वाले देश हैं। यानी ऐसे देश जहां धार्मिक स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन होता है और उसे बर्दाश्त किया जाता है। इन देशों में मध्य अफ्रीकी गणराज्य, मिस्र, इराक, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सीरिया, तजाकिस्तान, और वियतनाम शामिल हैं। दूसरी श्रेणी के देशों में अफगानिस्तान, जरबैजान, क्यूबा, भारत, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, लाओस, मलेशिया, रूस और तुर्की हैं। इस रपट में जिन अन्य देशों को जांचा-परखा गया है, उनमें बहरीन, बांग्लादेश, बेलारूस, साइप्रस, किर्गिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। इस रपट में हिंदू राष्ट्रवादी समूहों और जबरन धर्मातरण के लिए भी एक खंड है। इसमें पिछले साल क्रिसमस दिवस पर आरएसएस नेता मोहन भागवत द्वारा प्रस्तावित घर वापसी का भी उल्लेख किया गया है।

नेशनल

बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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