नेशनल
बादल ने लड़की की मौत पर दुख जताया
नई दिल्ली| पंजाब में छेड़छाड़ से बचने के लिए एक मां व उसकी नाबालिग बेटी ने चलती बस से छलांग लगा दी। इसमें बेटी की मौत हो गई। राज्य के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किशोरी की मौत पर शोक जताया है। बस उनके और उनके परिवार की कंपनी की थी। प्रकाश बादल ने संवाददाताओं से कहा, “मैं घटना से दुखी हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बस हमारी थी। जो कुछ भी हुआ वह उचित नहीं है। यह सबसे बड़ा पाप है।”
पंजाब के मोंगा कस्बे में बस परिचालक और कुछ नौजवान बस में बैठी 13 साल की किशोरी और उसकी मां से छेड़खानी करने लगे। खुद को मनचलों से बचाने के लिए लड़की और उसकी मां चलती बस से कूद गए। इस दौरान किशोरी की मौत हो गई जबकि उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गई। मामला बुधवार शाम का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धारा 203 के तहत मामले की शिकायत दर्ज कर ली गई है। वहीं इस संबंध में दो युवक गिरफ्तार हो चुके हैं जबकि बाकी को गिरफ्तार किया जाना अभी बाकी है।
उन्होंने कहा, “मैं संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी करूंगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।”
इस घटना से हालांकि राजनीति गर्मा गई है और नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
पंजाब में सत्ताधारी पार्टी अकाली दल की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि अगर विपक्ष संसद में इस मामले पर चर्चा चाहता है तो हम उसका स्वागत करते हैं।
संसद के बाहर नकवी ने संवाददाताओं से कहा, “यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और हम पीड़ित के परिवार के प्रति अपनी सहानुभूति जताते हैं। लेकिन इस तरह के मामले राज्य की कानून-व्यवस्था का विषय हैं। राज्य के मामलों पर संसद में चर्चा न करने की एक प्रथा है। लेकिन फिर भी अगर विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहती है तो हम इसका स्वागत करते हैं।”
पंजाब के मुख्यमंत्री की पुत्रवधू और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा, “मैं इस बात की तहकीकात करूंगी कि बस का मालिक कौन है। मैंने आज सुबह अखबारों में मामले के बारे में पढ़ा है। जो कुछ भी हुआ है उसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करती हूं। इस देश में महिलाओं के खिलाफ हिसा के मामलों को ईमानदारी से ध्यान देना चाहिए।”
राज्य में सत्ताधारी भाजपा और अकाली दल के गठबंधन की सरकार पर हमला बोलते हुए पंजाब से आप सांसद भगवंत मान ने कहा, “यह बहुत ही चौंकाने वाला है। यह बहुत ही शर्मिदगी भरा भी है। बस के मालिक बादल परिवार के लिए यह जरूर एक छोटी घटना होगी लेकिन एक छोटी बच्ची ने अपनी जिदगी खो दी। उनकी बसों में इस तरह के गुंडे चलते हैं और छेड़खानी करते हैं। और जब किशोरी ने छेड़खानी करने वालों का विरोध किया तो चालक ने भी बस नहीं रोकी। यहां तक की परिचालक ने भी उनकी मदद की।”
मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी की नेता वृंदा करात ने कहा कि इस तरह की बढ़ती घटनाएं लैंगिक हिंसा के मुद्दे पर सरकार की लापरवाही दर्शाती हैं।
भाजपा सांसद उमा भारती ने पुलिस और प्रशासन से हर समय चौकन्ना रहने के लिए कहा और कहा कि इस तरह के दुराचार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “शैक्षिक संस्थानों को देश में ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि लोग महिलाओं का सम्मान करें। और समाज को भी इस तरह के असमाजिक तत्वों से निपटने की जरूरत है।”
नेशनल
दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!
सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ
लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।
26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।
इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।
इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।
इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान
असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।
दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय
-
नेशनल3 days ago
हैदराबाद से बीजेपी उम्मीदवार माधवी लता के खिलाफ FIR दर्ज, मस्जिद की तरफ काल्पनिक तीर छोड़ने का आरोप
-
नेशनल2 days ago
सपा ने कन्नौज से तेज प्रताप यादव को बनाया उम्मीदवार, अखिलेश नहीं लड़ेंगे चुनाव
-
नेशनल3 days ago
शिक्षक भर्ती घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से गई 24000 शिक्षकों की नौकरी, बस एक महिला की बची जॉब
-
नेशनल3 days ago
राहुल गांधी की तबियत आज भी खराब, तमाम चुनावी कार्यक्रम हुए कैंसिल
-
नेशनल2 days ago
दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे दो भारतीय छात्रों की सड़क हादसे में मौत, कॉलेज से घर लौटते समय हुआ हादसा
-
नेशनल2 days ago
सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता नाबालिग को 30 सप्ताह का गर्भ गिराने की दी इजाजत