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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत की सफलता दुनिया के लिए विशाल अवसर : मोदी

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मेलबॉर्न| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सफल भारत पूरी दुनिया के लिए एक विशाल अवसर मुहैया कराएगा। इसके साथ ही मोदी ने आस्ट्रेलिया के साथ भारत के घनिष्ठ संबंधों को महत्वपूर्ण बताया। मेलबर्न क्रिकेट मैदान में आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट द्वारा आयोजित एक रात्रिभोज में मोदी ने कहा, “सफल भारत एक विशाल अवसर होगा और पूरी दुनिया में बेहतरी के लिए काम करने वाली एक ताकत होगा। हम आस्ट्रेलिया जैसे दोस्त के साथ घनिष्ठ संबंधों की उम्मीद करते हैं।”

मोदी ने कहा, “भारत का तेज गति से शहरीकरण हो रहा है। अध्ययनों के मुताबिक 2031 तक दुनिया की 11 फीसदी शहरी आबादी भारत में हो जाएगी।” उन्होंने कहा कि अभी ही देश में 50 शहर ऐसे हैं, जिसकी आबादी 10 लाख से अधिक है। उन्होंने कहा, “शहरीकरण एक विशाल अवसर होगा।” उन्होंने 100 स्मार्ट शहर बनाने, धरोहर स्थलों का जीर्णोद्धार करने, आधुनिक ठोस मल प्रबंधन और 500 शहरों में अवजल प्रसंस्करण प्रणाली जैसी अपनी योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत को आस्ट्रेलिया के अनुभव से सीखेगा और उसकी विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा। उन्होंने कहा कि मेलबर्न को दुनिया में रहने के लिए सबसे अच्छा शहर माना जाता है।

मोदी ने कहा कि वह एक ऐसा भविष्य गढ़ना चाहते हैं, जिसमें हर भारतीय कह सके कि उसका जीवन और उसका परिवेश बेहतर हुआ है। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि भारत के लोगों के सहयोग से और 35 वर्ष से कम उम्र के 80 करोड़ युवाओं की प्रतिभा के बल पर हम इसे हासिल कर लेंगे।” उन्होंने कहा, “आज की पीढ़ी बदलाव चाहती है और काम करने के लिए समर्पित है।” उन्होंने आदमी से आदमी के बीच के संबंधों को महत्वपूर्ण बताया। प्रधानमंत्री ने स्वागत भोज में कहा, “एक बात पर हम सब सहमत हैं। हमारे लोगों के हाथ मिलने से देश के बीच संबंध मजबूत होते हैं।”

प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के क्रिकेट के प्रति प्यार का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “दोनों देशों के लिए कोई भी कारोबार इतना गंभीर नहीं है, जो उन्हें क्रिकेट के ऊपर बात करने से रोक दे।” उन्होंने 1985 में यहां चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को मिली जीत का उल्लेख किया और कहा कि मेलबर्न क्रिकेट मैदान 2015 में क्रिकेट विश्व कप के फाइनल मैच के लिए माकूल जगह है। मैं उम्मीद करता हूं कि हमारी दोनों टीमें वह मैच खेलेंगी। आयोजन में भारतीय दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी सुनील गावस्कर, कपिल देव और वीवीएस लक्ष्मण और पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान एलन बॉर्डर भी मौजूद थे।

मोदी ने कहा कि भारत को दूसरे खेलों में भी आस्ट्रेलिया के कौशल से सीखना है। उन्होंने कहा, “हमने भारत में एक खेल विश्वविद्यालय के लिए साझेदारी करने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा, “खेल, पर्यटन, शिक्षा और संस्कृति में हमारी साझेदारी हमारे संबंधों के बड़े स्रोत हैं।” मोदी ने कहा कि उन्होंने भारत-आस्ट्रेलिया संबंधों के भविष्य पर पूरा भरोसा है। एबॉट सितंबर में भारत आए थे। वह मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत आने वाले पहले अतिथि थे।

दूसरी ओर 28 साल पहले राजीव गांधी की आस्ट्रेलिया यात्रा करने के बाद से मोदी आस्ट्रेलिया जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। पीएमओ से जारी ट्विट में भाषण के बारे में कहा गया, “मुझसे पूछा गया कि टोनी एबॉट की यात्रा के बाद आस्ट्रेलिया यात्रा कुछ ज्यादा जल्द नहीं हो गई। मैंने कहा कि मैं दोस्त टोनी को मना नहीं कर सका।” मोदी ने कहा, “आस्ट्रेलिया की मेरी यात्रा आज रात खत्म होती है, लेकिन संबंधों की एक नई यात्रा शुरू हो रही है।” इससे पहले मोदी ने 15-16 नवंबर को ब्रिस्बेन में जी-20 शिखर सम्मेलन में शिरकत की थी। उसके बाद सिडनी में प्रवासी भारतीयों के एक सम्मेलन को संबोधित किया था। फिर मंगलवार को कैनबरा में आस्ट्रेलिया के संसद को संबोधित करने के बाद मेलबर्न आए थे। मंगलवार रात वह फिजी के लिए रवाना हो जाएंगे। यह तीन देशों की 10 दिवसीय यात्रा का उनका आखिरी पड़ाव होगा।

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पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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