प्रादेशिक
भेल ने महाराष्ट्र में 500 मेगावाट की इकाई स्थापित की
मुंबई | सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उपकरण निर्माता कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने गुरुवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) की चंद्रपुर सुपर ताप बिजली परियोजना (एसटीपीपी) चरण-3 के तहत आवंटित दो इकाइयों में से पहली 500 मेगावाट क्षमता वाली इकाई स्थापित कर दी है। भेल ने एक बयान जारी कर कहा, “इस इकाई में कार्य शुरू होने के साथ ही चंद्रपुर एसटीपीपी में भेल द्वारा आपूर्ति की गई और निर्मित कुल 2,840 मेगावाट की आठ इकाइयों में काम शुरू हो चुका है।”
भेल द्वारा जारी बयान के अनुसार, “परियोजना के तीसरे चरण की 500 मेगावाट की दूसरी इकाई का काम जारी है। इस इकाई के 2015-16 में शुरू होने की उम्मीद है।” भेल ने कहा कि इस ठेके के तहत उसकी जिम्मेदारी स्टीम टरबाइन, जेनरेटरों और ब्वॉयलरों के डिजाइन, इंजीनियरिंग, विनिर्माण, आपूर्ति, इरेक्शन और चालू करने तथा अन्य सहायक तथा बिजली संबंधी कार्यो की है।
कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “भेल महाराष्ट्र में बिजली विकास कार्यक्रम की साझेदार है और कंपनी ने राज्य में 15,000 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन क्षमता का योगदान किया है, जो अन्यों के मुकाबले काफी अधिक है।”
उत्तर प्रदेश
रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’
अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।
वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।
भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।
इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।
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