नेशनल
भूस्खलन से बद्रीनाथ जा रहे 3000 श्रद्धालु फंसे
देहरादून। बद्रीनाथ धाम जा रहे 3,000 से अधिक तीर्थयात्री बुधवार को भूस्खलन के कारण बीच मार्ग में फंस गए। बुधवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। जोशीमठ में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार से जारी भारी बारिश के कारण विष्णुप्रयाग में भूस्खलन हुआ जिससे बद्रीनाथ मार्ग अवरुद्ध हो गया है।
पुलिस ने निजी वाहनों से तीर्थयात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को भी गोविंदघाट, जोशीमठ, पंडुकेश्वर और बद्रीनाथ में ही रोक लिया है। अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों को बीच मार्ग में फंसने से बचाने के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए ऐहतियातन ऐसा किया गया। लगातार जारी बारिश के कारण बुधवार सुबह तक राहत एवं बचाव कार्य शुरू नहीं किया जा सका, हालांकि सड़क पर लगे जाम को खत्म करने के लिए अधिकारी निरंतर ड्यूटी पर बने हुए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि बारिश होने की पहले से कोई संभावना नहीं थी, इसलिए वे अचानक शुरू हुई बारिश के लिए पहले से तैयार नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि राजमार्ग को जल्द से जल्द साफ करवा दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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