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बिजनेस

इंफोसिस के 2 सह-संस्थापकों ने नई कंपनी स्थापित की

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बेंगलुरू| इंफोसिस सह-संस्थापक एस. गोपालकृष्णन और एस.डी. शिबूलाल ने एक नई एंजल इनवेस्टर कंपनी एक्सिलर वेंचर्स गठित की है। यह उद्यमियों और छोटी नवगठित कंपनियों को मदद करेगी। गोपालकृष्णन और शिबुलाल ने मंगलवार को एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, “एक्सिलर देश में स्टार्ट-अप माहौल में गति लाना चाहती है और इसके लिए ई-कॉमर्स, स्वास्थ्य सेवा, जीवन विज्ञान, टिकाऊपन और स्वच्छ प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाली शुरुआती कंपनियों को बढ़ावा देना चाहती है।”

शुरुआती चरण में एक्सिलर तीन कार्यक्रमों का संचालन करेगी-एक्सीलरेटर, एंटरप्रेन्योर-इन-रेजीडेंस और अर्ली स्टेज फंडिंग। कंपनी में गोपालकृष्णन और शिबुलाल के अलावा संस्थापक सदस्यों में हैं श्रीनाथ बटनी, इंफोसिस के पूर्व बोर्ड सदस्य तरुण खन्ना, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर और हार्वर्ड में साउथ इंस्टीट्यूट के निदेशक जॉर्ज पाउलो और इंफोसिस के पूर्व रणनीति तथा योजना प्रमुख गणपति वेणुगोपाल। वेणुगोपाल कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे। कंपनी के तहत एक्सेलरेटर कार्यक्रम का पहला बैच 2015 की पहली तिमाही में शुरू होगा।

बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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