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प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ : जवान ने विधायक की गाड़ी रोकी, मिला इनाम

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कवर्धा | छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कवर्धा प्रवास के दौरान विधायक की गाड़ी रोकने वाले नव आरक्षक को पुलिस अधीक्षक राहुल भगत ने 500 रुपये का नकद पुरस्कार दिया है।

लोक सुराज अभियान के तहत मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह 18 अप्रैल को एक दिवसीय प्रवास पर कवर्धा आए थे। इस दौरान मुख्यमंत्री का काफिला पुलिस परेड ग्राउंड से सीएम हाउस की ओर आ रहा था, तभी पंडरिया विधायक की गाड़ी पुराना जपनद पंचायत के पास पहुंची। विधायक के ड्राइवर ने यहां तैनात नव आरक्षक से बेरिकेड हटाने को कहा, लेकिन आरक्षक ने सीएम का काफिला गुजरने का हवाला देते हुए बेरिकेट नहीं हटाया। इस बात पर विधायक ने नाराजगी जाहिर करते हुए नव आरक्षक को खरी-खरी सुनाई थी।

नव आरक्षक ने अपने कर्तव्यों का निवर्हन करते हुए अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभाई। इसी के चलते पुलिस अधीक्षक ने नव आरक्षक को 500 रुपये नकद इनाम देने का निर्देश दिया। नव आरक्षक डिगेश कुमार सिन्हा बैच नंबर 79 फिलहाल पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय राजनांदगांव में प्रशिक्षण ले रहा है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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