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बिजनेस

घरेलू हवाई यात्री संख्या 18 फीसदी बढ़ी

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नई दिल्ली| घरेलू हवाई यात्री संख्या अक्टूबर महीने में साल-दर-साल आधार पर 18.31 फीसदी बढ़कर 59.25 लाख दर्ज की गई। गत वर्ष अक्टूबर में यह संख्या 50.08 लाख थी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक जनवरी-अक्टूबर 2014 अवधि में साल-दर-साल आधार पर यह संख्या 8.61 फीसदी बढ़ी है।

डीजीसीए ने अपने बयान में कहा, “जनवरी-अक्टूबर 2014 में घरेलू विमानन कंपनियों के यात्रियों की संख्या 550.68 लाख रही। यह संख्या गत वर्ष समान अवधि में 507.03 लाख थी। इस तरह इस संख्या में 8.61 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।”

आलोच्य अवधि में किफायती विमानन कंपनी इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी सर्वाधिक 31.9 फीसदी रही। इसके बाद एयर इंडिया की 19.5 फीसदी, स्पाइसजेट की 17.3 फीसदी, जेट एयरवेज की 16.4 फीसदी, गोएयर की 8.5 फीसदी और जेटलाइट की 4.1 फीसदी रही।

क्षेत्रीय विमानन कंपनी एयर कोस्टा की 1.1 तथा एयरएशिया इंडिया की भी 1.1 फीसदी रही।

इस दौरान एयर इंडिया की सबसे अधिक 83.5 फीसदी सीटें भरीं। इसके बाद स्पाइसजेट की 80.1 फीसदी, एयर कोस्टा की 78.1 फीसदी, एयरएशिया इंडिया की 76.2 फीसदी, इंडिगो की 76.8 फीसदी, जेटलाइट की 75.8 फीसदी, जेट एयरवेज की 73.1 फीसदी और गोएयर की 72.6 फीसदी सीटें भरीं।

आंकड़े के मुताबिक इस दौरान हालांकि सबसे अधिक इंडिगो की 2.35 फीसदी टिकटें रद्द हुईं। इसके बाद एयर कोस्टा की 1.86 फीसदी, एयर इंडिया की 1.45 फीसदी, गोएयर की 0.87 फीसदी, जेटलाइट की 0.86 फीसदी, जेट एयरवेज की 0.78 फीसदी और स्पाइसजेट की 0.64 फीसदी टिकटें रद्द हुईं।

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मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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