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अन्तर्राष्ट्रीय

प्रवासी भारतीय स्वच्छता अभियान में हिस्सा लें : मोदी

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सिडनी| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जन धन योजना, मेक इन इंडिया पहल, स्वच्छ भारत और श्रमेव जयते के साथ ही नई नीतियों और योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि भारत पिछड़ जाए। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से आगमन पर वीजा और पीआईओ और ओसीआई कार्ड को मिलाकर एक करने की बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ऑस्ट्रेलिया में मौजूद भारतीय समुदाय को स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। सिडनी में अल्फॉन्स एरेना में भारतीय समुदाय के करीब 16,000 लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रवासियों से अपने गांवों में शौचालय का निर्माण कराने की बात कही।

मोदी ने पूछा, “क्या आपको भरोसा है कि देश फिर से तरक्की कर सकता है और शक्तिशाली बन सकता है और दूसरे देशों की मदद कर सकता है।” उन्होंने कहा कि देश का भविष्य अब तय हो चुका है और यह अवश्य तरक्की करेगा।  उन्होंने वादा किया कि पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (पीआईओ) और ओवरसीज सिटजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड को गुजरात में जनवरी में होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन तक आपस में मिला दिया जाएगा।

उन्होंने अस्ट्रेलिया वासियों को आगमन पर वीजा की घोषणा की और साथ ही सिडनी में फरवरी 2015 तक भारतीय सांस्कृतिक केंद्र खोलने की बात कही।  प्रधानमंत्री ने कहा, “गंदगी से बीमारी फैलती है और गरीबों को इससे जूझना पड़ता है, इसकी वजह से काम नहीं हो पाता और धन का भी नुकसान होता है। मैं इस अभियान में भागीदारी के लिए आपको आमंत्रित करता हूं।” उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में श्रम को मिलने वाली इज्जत की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, “जब मैं इससे पहले ऑस्ट्रेलिया आया था, कई लोगों ने हमसे पूछा था कि आपने ऑस्ट्रेलिया से क्या सीखा-मुझे लगता है यह श्रम के प्रति सम्मान था।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई एक चिकित्सक और एक चालक से समान व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि यहां सप्ताहांत में एक शोध विज्ञानी पैसा कमाने के लिए चालक का काम करते हैं। उन्होंने कहा, “श्रम को सम्मान देना सीखने वाली चीज है।”

मोदी ने कहा कि वह स्वच्छ भारत मिशन के जरिए श्रम के सम्मान के महत्व का संदेश देना चाहते हैं।  एक उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि भारत में कचरा बीनने वाले को ‘कचरावाला’ कहा जाता है, लेकिन वास्तव में वह गंदगी को साफ करता है और इसी मानसिकता को बदलने की जरूरत है।  उन्होंने कहा कि आज उद्योगपतियों सहित आम लोग स्वच्छ भारत मिशन में भाग ले रहे हैं। “मैं उन्हें सलाम करता हूं।” मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर हम उन्हें कम से कम स्वच्छ भारत का तोहफा तो दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह देश में पर्यटन को बढ़ावा देगा और गरीबों के जीवनस्तर में भी सुधार लाएगा।  उन्होंने एक बार फिर मां भारती को विश्व गुरु के रूप में देखने के स्वामी विवेकानंद के स्वप्न का जिक्र किया, और कहा, उनका मानना है कि यह सपना साकार होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाले पहले प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें अधिक जिम्मेदारी दिखाई देती है। “हमें देश की आजादी के लिए लड़ने का अवसर नहीं मिला। हम भारत के लिए अपनी जान नहीं दे पाए। लेकिन हम भारत के लिए कुछ कर सकते हैं। हम भारत के लिए जिएंगे और संघर्ष करेंगे। आज 125 करोड़ भारतीयों का यह सपना है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “आस्ट्रेलिया तक की चंद घंटों की यात्रा करने में किसी भारतीय प्रधानमंत्री को 28 वर्ष लगे। लेकिन अब आपको 28 वर्ष इंतजार नहीं करना पड़ेगा।”
प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र के मूल्यों, भारत और आस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट के प्रति प्रेम का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा कि वे भारतीय लोकतंत्र की ताकत को पहचानें। आइए हम सभी काम ऐसे करें जो भारत के लिए लाभदायक हो सकते हैं और इसके बाद भारत मानवता के लाभ के लिए कार्य करेगा। प्रधानमंत्री ने रेलवे में 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत देने के फैसले की भी जानकारी दी।

उन्होंने साफ पानी, बिजली और स्वच्छता तक पहुंच बढ़ाने की जरूरत बताई। उन्होंने भारतीयों-आस्ट्रेलियाई लोगों को अपनी मातृभूमि के लिए कुछ न कुछ करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कौशल विकास, और भारत के पूरी दुनिया की कुशल श्रम शक्ति की जरूरतें पूरी करने के बारे में अपना दृष्टिकोण बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, “सरकारें देश नहीं बनातीं। लोग देश बनाते हैं। उन्होंने अनावश्यक कानूनों को समाप्त करने और दस्तावेजों का स्व-सत्यापन करने संबंधी अपनी सरकार की पहल की चर्चा की।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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