अन्तर्राष्ट्रीय
माइकल काफाडो बुर्किना फासो के अंतरिम राष्ट्रपति
ओगादुगू| बुर्किना फासो में वरिष्ठ नेताओं के परिषद ने सोमवार को घोषणा की कि चुनाव तक वरिष्ठ राजनयिक माइकल काफांडो को देश में अंतरिम राष्ट्रपति चुना गया है। काफांडो (72) को परिषद के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से चुना, जिसमें विपक्ष, सिविल सोसायटी, सेना और धर्मगुरुओं सहित 20 प्रतिनिधि शामिल हैं। रातभर चली चर्चा के बाद पसंदीदा व्यक्ति का नाम सोमवार को पेश किया गया।
अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में अपने भाषण में काफांडो ने कहा कि वह चुनौतियों का सामना करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे जो कि उनके सामने हैं। उनकी नियुक्ति को अभी उच्च न्यायालय की मंजूरी मिलनी बाकी है। काफांडो संयुक्त राष्ट्र में 1981 और 1982 में अपर वोल्टा (देश का पुराना नाम) के राजदूत थे और देश का नाम बुर्किना फासो रखे जाने के बाद 1998 से 2011 तक इस पद पर रहे।
राष्ट्रपति का जन्म 1942 को राजधानी ओगादुगू में हुआ था और उन्होंने राजधानी से ही स्नातक की डिग्री हासिल की और डकार, पेरिस, जेनेवा में कानून और राजनीति शास्त्र की डिग्री ली। काफांडो के करियर की शुरुआत 1976 में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के निदेशक के रूप में हुई और इसके बाद उन्होंने न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में राजदूत पद की जिम्मेदारी संभाली
इधर, रविवार को बुर्किनाबे आर्मी ने ट्रांजिशन चार्टर पर हस्ताक्षर किया और विपक्षी पार्टियों, सिविल सोसायटी और धर्मगुरुओं के साथ नई अंतरिम सरकार के गठन को लेकर सहमति जताई। बुर्किना फासो के नए प्रधानंत्री के नाम की घोषणा बुधवार को की जाएगी।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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