Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

फिर डराने लगा कोरोना, एक दिन में 564 की मौत, 90 लाख के पार हुआ संक्रमितों का आंकड़ा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। देश भर में लोगों को कोरोना एक बार फिर डराने लगा है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 46,232 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 90 लाख के पार हो गया है। पिछले 24 घंटों में 564 लोगों की मौत कोरोना से हुई है।
अब तक देशभर में कुल 1,32,726 लोगों की इस महामारी की वजह से मौत हो चुकी है।

देशभर में 24 घंटों में आए नए मरीजों की संख्या से ज्यादा ठीक हुए मरीजों की है। यानी रिकवरी में तेजी आई है। फिलहाल रिकवरी रेट 93.67% है, जबकि एक्टिव मरीज़ की दर 4.85% है। देश में कोरोना से डेथ रेट 1.46% है, जबकि पॉजिटिविटी रेट 4.33% है।

देश में अब तक कुल ठीक हुए मरीजों की संख्या 84 लाख 78 हजार 124 है, जबकि एक्टिव मामलों की संख्या 4 लाख 39 हजार 747 है। देशभर में पिछले 24 घंटों में कुल 10 लाख 66 हजार 022 सैंपल टेस्ट हुए हैं। अब तक देशभर में कुल 13 करोड़ 06 लाख 57 हजार 808 सैंपल की जांच हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending