Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ता कालाचंद कर्मकार की पीट-पीटकर हत्या, दो घायल

Published

on

Loading

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकताओं पर हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीते कुछ महीने में वहां कई भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की हत्या कर दी गई है। अब पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 700 किलोमीटर कूचबिहार जिले के तूफानगंज इलाके में बीजेपी कार्यकर्ता कालाचंद कर्मकार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी। इस शख्स का कसूर सिर्फ इतना था कि ये बीजेपी का बूथ कमेटी का सचिव था।

कूचबिहार के तूफानगंज के नकटीगाछ के करमापाड़ा इलाके में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अचानक हमला हुआ, जिसमें बीजेपी के दो और कार्यकर्ता जख्मी हुए। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि कूचबिहार की जमीन को इसबार भी टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने लाल किया, उनके एक और जूझारू साथी की जान ले ली। इस घटना के बाद से ही पूरे इलाके में तनाव पसरा हुआ है।

उधर टीएमसी ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है। टीएमसी नेता अब्दुल जमील अहमद ने कहा कि इस घटना से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। दो समुदायों के संगठन के बीच ये झगड़ा हुआ था इसमें टीएमसी शामिल नहीं है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending