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प्रादेशिक

मध्य प्रदेश: महिला के सामने ही डूब गए उसके चार बच्चे और पति, पिकनिक मनाने आया था परिवार

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सागर। मध्य प्रदेश के सागर शहर से 40 किलोमीटर दूर राहतगढ़ में बने वॉटरफॉल पर मंगलवार को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां पिकनिक मनाने आए एक ही परिवार के पांच लोगों की डूबने से मौत हो गई जबकि एक बच्ची को एनडीआरएफ की टीम ने बचा लिया।

मिली जानकारी के अनुसार सागर शहर के इतवारी क्षेत्र के निवासी नसीर खान अपने परिवार के साथ मंगलवार को राहतगढ़ क्षेत्र के वॉटर फॉल पर पिकनिक मनाने गए थे। परिवार के सभी सदस्य वॉटर फॉल में नहा रहे थे, अचानक गहरे पानी में चले गए और इसी दौरान यह हादसा हो गया।

घटना में नाजिर, नसीम, हीना, रुबी और राजखान की पानी में डूबने से मौत हो गयी। जबकि नाजिर की बच्ची नाजिया को लोगों ने पानी से बाहर निकाल लिया। इस दौरान बाहर बैठी नाजिर की पत्नी ने अपने पति और बच्चों को डूबते देखा तो वह सुध बुध खो बैठीं। वह अपने पति और बच्चों को बचने के लिए चीखती चिल्लाती रहीं लेकिन पल भर में एक एक कर सभी डूब गए।

उधर, मुख्यमंत्री चौहान ने सागर जिला प्रशासन को प्रावधान अनुसार राहत सहायता देने के निर्देश दिये हैं। साथ ही मृत व्यक्तियों के परिजनों को इस गहन दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना ईश्वर से की है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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