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नेशनल

दिल्ली से जैश के दो आतंकी गिरफ्तार, त्योहार पर राजधानी में बम धमाकों की रच रहे थे साजिश

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली को दहलाने की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आतंकी त्योहार के समय किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे।

गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों और स्पेशल सेल की संयुक्त टीम दोनों आतंकियों से पूछताछ कर रही है। दोनों की पहचान जम्मू-कश्मीर बारामुला के अब्दुल लतीफ मीर और कुपवाड़ा के मोहम्मद अशरफ के रूप में हुई है। उनके पास से पिस्तौल और कारतूस जब्त किए गए हैं।

दिल्ली पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उनके पास दोनों संदिग्ध आतंकियों के आने की सूचना थी। इसके आधार दिल्ली पुलिस स्पेशल ने सराय कालेखां के नजदीक बने मिलेनियम पार्क के पास अपना जाल बिछाया। इसके बाद सोमवार रात 10:15 बजे जैसे ही दोनों संदिग्ध आतंकी आए तो दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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