आध्यात्म
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे बद्रीनाथ धाम, किए बाबा के दर्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार सुबह बद्रीनाथ धाम पहुंचे। इस दौरान उनके साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी थे। दोनों ने धाम में प्रवेश कर विशेष पूजा-अर्चना की। इससे पहले सीएम योगी ने उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में बाबा के दर्शन किए।
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सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार को बद्रीनाथ धाम में यूपी सरकार के पर्यटक आवास गृह का शिलान्यास और भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से चमोली जिले के तहसील जोशीमठ में स्थित श्री बद्रीनाथ धाम में एक एकड़ भूमि पर 40 कमरों के पर्यटक आवास गृह का निर्माण कराया जा रहा है। 40 कमरों वाला पर्यटक गेस्ट हाउस गढ़वाल शैली में निर्मित हरे रंग का एक भवन होगा और इसके दो साल में पूरा होने की उम्मीद है।
एक एकड़ भूमि पर परियोजना का निर्माण प्रस्तावित है और इसमें एक रेस्तरां, कॉन्फ्रेंस हॉल, डॉर्मिटरी, पार्किंग होगी। बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए आने वाले देशी और विदेशी पर्यटक और भक्त ठहर सकेंगे।
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आध्यात्म
होलिका दहन पर भद्रा का साया, जानें शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली। 24 मार्च यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इस दिन भद्रा का साया रहेगा. जबकि रंग वाली होली 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे। इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.
होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक?
24 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर पाएंगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा।
होलिका दहन की पूजन विधि
होलिका दहन के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। शाम के वक्त होलिका दहन के स्थान पर पूजा के लिए जाएं। यहां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला अर्पित करें। अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं।
फिर होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें. होलिका माई को जल अर्पित करें और सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें। शाम को होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें. इसकी अग्नि में नई फसल को चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को लोग घर लाने के बाद प्रसाद के रूप में बांटतें हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है।
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