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नेशनल

दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बनी दिल्ली, AQI पहुंचा 500 के करीब

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नई दिल्ली। देश करर राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गई है। ताजा आंकड़ों में मंगलवार को दिल्ली के आइटीओ पर वायु गुणवत्ता स्तर 469 रहा। वहीं, दिल्ली के नरेला में 489 और दिल्ली से सटे गुरुग्राम में यह 497 पहुंच गया। दिल्ली से सटे नोएडा शहर का भी बुरा हाल है। यहां वायु गुणवत्ता स्तर 480 पहुंच गया है।

प्रदूषण ने दिल्ली वालों का जीना मुहाल किया हुआ है। दिल्ली पर डबल खतरा है। कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच हवा में घुलते प्रदूषण के ‘ज़हर’ आगामी त्यौहार के सीजन को देखते हुए और भी खतरनाक लग रहे हैं।

दिल्ली में पटाखे बैन हो चुके हैं वहीं हवा में घुला ज़हर अभी हटने का नाम नहीं ले रहा, हर जगह धुंध छाई हुई है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के लगातार बढ़ने से दिल्ली में कोरोना भी एक बार फ़िर तेज़ी से बढ़ रहा है। ऐसे में इस हफ्ते के अंत तक आ रही दीवाली की जगमगाहट भी इस प्रदूषण के आगे फीकी होती नजर आ रही है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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