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अन्तर्राष्ट्रीय

कारगिल युद्ध में हमारे फौजियों के पास नहीं थे हथियार, बिना खाने के युद्ध में झोंका गया: नवाज शरीफ

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने कारगिल युद्ध को लेकर कादि चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। शरीफ ने कहा कि साल 1999 में हुए भारत-पाकिस्तान के बीच करगिल युद्ध के पीछे की वजह कुछ जनरल थे, नाकि पाकिस्तानी सेना। शरीफ ने कहा कि इस दौरान उनके सैनिकों के पास हथियार भी नहीं थे।

नवाज शरीफ ने कहा कि करगिल युद्ध, जिसमें हमारे कई जवानों की मौत हुई और दुनिया के सामने पाकिस्तान बदनाम हुआ, उसके पीछे सेना का हाथ नहीं था, बल्कि कुछ जनरल जिम्मेदार थे। उन्होंने न सिर्फ सेना, बल्कि देश और पूरे समुदाय को यु्द्ध में ऐसी जगह झोंक दिया, जहां से कुछ भी नहीं हासिल हुआ।

उन्होंने कहा, ”वह पल मेरे लिए काफी अफसोसजनक था, जब मुझे मालूम हुआ कि हमारे जवानों को बिना भोजन के चोटियों पर भेज दिया गया। यहां तक कि उनके पास हथियार भी नहीं थे। उन्हें अपने जिंदगी से हाथ धोना पड़ा। लेकिन देश और समुदाय को इससे क्या मिला?”

शरीफ ने कहा कि जो जनरल करगिल युद्ध के पीछे थे, उन्होंने अपने कार्यों को छिपाने और सजा से बचने के लिए मार्शल लॉ घोषित कर दिया। परवेज मुशर्रफ और उनके साथियों ने सेना को व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल किया और उन्हें अपमानित किया।

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पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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