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नेशनल

योगी राज में महिला अपराधों में आई कमी, आंकड़े दे रहे गवाही

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लखनऊ। यूपी में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को लेकर भले ही विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर हो लेकिन सरकार ने आंकड़े जारी कर बता दिया है कि अन्य राज्यो की अपेक्षा यूपी में अपराध बहुत कम है। सरकार द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, पाक्सो एक्ट के अभियुक्तों में से सरकार अब तक 919 लोगों को सजा दिला चुकी है। इनमें से 5 को सजा-ए-मौत, 193 को आजीवन कारावास और बाकी को अन्य सजाएं मिलीं। इन सबके नतीजे भी बेहद सकारात्मक रहे।

मामला चाहे समग्र अपराधों का हो या महिलाओं से जुड़े अपराधों का, पिछले वर्षों की तुलना में इसमें गिरावट आयी है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार दुराचार संबंधी मामले पिछले वर्ष की तुलना में घटे हैं। 2016 की तुलना में 2020 में महिला दुराचार और अपहरण के मामलों में क्रमश: 42.24 और 39 फीसद की कमी आई है। इसी तरह दुराचार के मामलों में 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित राज्यों में उत्तर प्रदेश 26 वें स्थान पर रहा।

आबादी के आधार पर एकत्र आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं। प्रदेश में देश की 16.85 फीसद लोग रहते हैं जबकि दर्ज होने वाले अपराधों में उप्र की हिस्सेदारी सिर्फ 10.92 फीसद ही है। इसमें और कमी आ रही है। सितंबर 2019 के मुकाबले सितंबर 2020 में दुष्कर्म के मामले घटकर 27.32 फीसदी पर आ गए।

अब तो सरकार एक कदम और आगे बढ़ चुकी है। शोहदों का चौराहों पर पोस्टर लगाने के साथ ही सरकार शारदीय नवरात्र से बासंतिक नवरात्र तक मिशन शक्ति के नाम से समग्रता में एक विशेष अभियान चलाने जा रही है। इसमें जागरूकता, आपरेशन और इन्फोर्समेंट तीनों पहलू होंगे। इसकी निगरानी थाने से लेकर शासन स्तर तक होगी।

 

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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