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प्रादेशिक

पति ने हंसिए से चीर डाला पत्नी का पेट, वजह है ये

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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक शख्स ने अपनी पत्नी का पेट हँसिये से सिर्फ इसलिए चीर दिया क्योंकि उसे लग रहा था फिर उसे बेटी ही होगी। उसकी पहले से ही पांच बेटियां हैं। महिला का बरेली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

पुलिस के अनुसार, 43 वर्षीय मजदूर पन्नालाल नशे में धुत होकर घर आया और उसने पत्नी को गर्भपात कराने के लिए कहा। जब अनीता ने इनकार कर दिया तो पन्नालाल ने उसके पेट पर हंसिये से हमला कर दिया। आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने अनीता को जिला अस्पताल पहुंचाया।

अनीता के छोटे भाई रवि कुमार ने कहा, “मेरे जीजा मेरी बहन को 5 बेटियों को जन्म देने के कारण अक्सर मारते थे। यहां तक कि मेरे माता-पिता ने भी समस्या को हल करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी नहीं सोचा था कि वह ऐसा क्रूर कदम उठाएगा। सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन के एसएचओ  सुधाकर पांडे ने कहा, “हमने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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