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देश में कोरोना से हुईं एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें, मिले सबसे ज्यादा संक्रमित

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नई दिल्ली। देश में कोरोना पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। देश में बुधवार को कोरोना के 95 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। वहीँ 1172 लोगों की मौत हो गई। सबसे चिंता की बात ये है कि पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा नए मामले सामने आए हैं और सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार सुबह अपने आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 95 हजार 735 मरीज बढ़े और 1172 लोगों ने दम तोड़ दिया। अब देश में मरीजों की कुल संख्या 44 लाख 65 हजार 864 हो गई है। वहीं, 9 लाख 19 हजार 18 एक्टिव केस हैं। 34 लाख 71 हजार 784 मरीज ठीक हो चुके हैं। अब तक देश में 75 हजार 62 लोगों की कोरोना की वजह से जान जा चुकी है।

भारत में कोविड-19 मरीजों की संख्या सात अगस्त को 20 लाख के पार हो गई थी। यह 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख के पार पहुंच गई थी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार देश में नौ सितम्बर तक 5,29,34,433 नमूनों की कोविड-19 के लिए जांच की गई है, जिनमें से 11,29,756 नमूनों की जांच बुधवार को ही की गई।

#corona #coronavirus #covid19 #death

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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