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नेशनल

गलवान में मारे गए चीनी सैनिकों की कब्र की फोटो सोशल मीडिया वायरल

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नई दिल्ली। चीन के झूठ का पर्दाफ़ाश हो गया है। चीन ने गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ हुए संघर्ष में मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या बताने से इंकार कर दिया था लेकिन अब भारतीय जवानों के हाथों मारे गए चीनी सैनिकों की कब्र की फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं।

‘चीनी ट्विटर’ कही जाने वाली वहां की माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर वायरल हो रही यह चीनी चीनी सैनिक के कब्र की तस्वीर उसके झूठ की पोल खोल रही है। चीनी मामलों के एक एक्सपर्ट ने दावा किया है कि इंटरनेट पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है जिसमें गलवान में मारे गए चीनी सैनिक की कब्र दिखाई दे रही है। चीनी मामलों के एक्सपर्ट एम टेलर फ्रैवल ने दावा किया है कि चीन की माइक्रोब्लॉगिंग साइट Weibo पर यह तस्वीर शेयर की गई है।

बता दें कि 15 जून की रात को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय जवानों पर हमला कर दिया था। इस हमले में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे जबकि भारतीय जवानों ने 40-45 चीनी सैनिकों को ढेर कर दिया था। चीन में अपने मारे गए सैनिकों के सम्मान की बात तो दूर, उनकी संख्या की घोषणा भी नहीं की गई. लेकिन अब एक चीनी सैनिक की कब्र की तस्वीर वायरल होने से न केवल राजनीतिक विवाद पैदा हो रहा है बल्कि सेना में विद्रोह की आशंका भी पनपने लगी है।

#indianarmy #chinesearmy #chinesegrave #galwan

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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