प्रादेशिक
हापुड़ में छह साल की बच्ची से रेप के आरोपी पर 50 हजार रु का इनाम घोषित
हापुड़। यूपी के हापुड़ में छह साल की बच्ची के साथ रेप का आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। दरिंदे से बच्ची के साथ इस वारदात को बीते गुरुवार को अंजाम दिया जब वो अपने घर के बाहर खेल रही थी। उसने बच्ची का अपहरण करने के बाद उसके साथ दरिंदगी की और घायल अवस्था में छोड़कर फरार हो गया। बच्ची अभी मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती है और उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने आरोपी पर 50 हजार रु का इनाम घोषित किया है।
लड़की के पिता और पड़ोसियों के बयान के आधाार पर बनाए गए तीन स्कैचों को जारी किया गया है। हालांकि अभी कोई भी पुलिस अधिकारी आरोपी की गिरफ्तारी में हो रही देरी के बारे में बोलने के लिए तैयार नहीं है। इस बीच पुलिस के एक प्रवक्ता ने सर्च ऑपरेशन के फोटोग्राफ को जारी किया है, जिसमें दिख रहा है कि पुलिस बच्ची के साथ दुष्कर्म वाली जगह पर आरोपी को तलाश रही है।
पुलिस ने कहा, जो भी इस आरोपी के बारे में बताएगा, उसे 50,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा। आरोपी की सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं की जाएगी। पीड़िता का गढ़ मुक्ते श्वर में उसके घर के बाहर मोटरसाइकिल पर सवाल एक व्यक्ति ने अपरहरण कर लिया था। जिसके बाद उसके अभिभावक ने उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई और पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया। बच्ची को अगले दिन अचेत अवस्था में उसके गांव के करीब झाड़ियों में पाया गया। मेडिकल परीक्षण से उसके साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद उसे मेरठ में विशेष अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी कम से कम एक बार सर्जरी हो चुकी है।
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उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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