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नेशनल

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत स्थिर,अभी वेंटिलेटर सपोर्ट पर

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अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलिटेन के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबीयत में कोई बदलाव नहीं हुआ है, उनकी हालत स्थिर है और उन्हें अभी वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।

राम जन्मभूमि ट्र्स्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की रिपोर्ट आई कोरोना पॉज़िटिव

84 साल के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सोमवार को दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी रविवार को दिल्ली स्थित अपने आवास के बाथरूम में गिरकर चोटिल हो गए थे। इसके बाद उनके मस्तिष्क में एक जगह पर खून का थक्का जम गया था। इस जमे खून को निकालने के लिए उनकी सर्जरी की गई है।

सर्जरी के बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को वेंटिलेटर पर रखा गया है। अस्पताल ने अपने मेडिकल बुलेटिन में कहा था कि 10 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर उन्हें क्रिटिकल अवस्था में अस्पताल लाया गया था, जांच के दौरान उनके मस्तिष्क में एक बड़े खून के थक्के का पता चला था, जिसके बाद ये सर्जरी की गई थी।

#India #pranabmukharjee #pranab #politics

अन्तर्राष्ट्रीय

केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी की टिप्पणी से भारत नाराज, कहा- ये हमारा आंतरिक मामला

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नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अब अमेरिका ने टिप्पणी की है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा था कि वो भारत के अहम विपक्षी दल के नेता की गिरफ्तारी और मामले में एक्शन पर निष्पक्ष जांच की उम्मीद जता रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया, “हम निष्‍पक्ष, समयबद्ध और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया के लिए भारत की सरकार को प्रोत्‍साहित करते हैं। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर हमारी करीबी नजर है। हम मुख्‍यमंत्री केजरीवाल के लिए पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया की उम्मीद करते हैं।”

उधर अमेरिका की टिप्पणी पर भारत ने नाराजगी जताई है। दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बुधवार को अमेरिका के कार्यवाहक मिशन उपप्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है–“हम अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हैं। एक देश से दूसरे देश की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की उम्मीद की जाती है और इस संबंध में लोकतांत्रिक देशों की ज़िम्मेदारी और भी ज्यादा होती है।” विदेश मंत्रालय के बयान में यह स्पष्ट करते हुए लिखा गया है कि भारत के पास एक आज़ाद न्यायपालिका है जो वक्त पर लोगों को न्याय देने के काबिल है। ऐसे में भारत की न्यायपालिका पर सवाल उठाना गलत है।

अमेरिका से पहले जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी की थी। जर्मन अधिकारी ने कहा था, ‘‘हमारा मानना है और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़े मानक और मूलभूत लोकतांत्रिक सिद्धांत भी इस मामले में लागू होंगे।’’ इसके बाद भारत ने इसका करारा जवाब देते हुए ने जर्मनी के दूतावास के डिप्टी चीफ को तलब किया था। भारत ने कहा था कि यह हमारा आंतरिक मामला है, इसमें हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं।

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