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प्रादेशिक

कोरोना के मद्देनजर लोग घरों से टीवी पर देखें राम मंदिर भूमि पूजन: योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम है। इसके लिए तैयारियां भी जोरों शोरों से चल रही हैं। पूरी अयोध्या को सजाया संवारा जा रहा है। इन सबके बीच यूपी सरकार की सबसे बड़ी चिंता कोरोना को लेकर है। ऐसे में सीएम योगी ने अपील की है कि लोग राम मंदिर भूमि पूजन अपने घरों में रहकर लाइव देखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से 5 अगस्‍त को अयोध्‍या में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रभु श्रीराम के असंख्‍य अनन्‍य भक्‍तगण परम् इच्‍छुक होंगे लेकिन मौजूदा वैश्विक कोरोना महामारी के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा। इसे प्रभु इच्‍छा मानकर सहर्ष स्‍वीकार करना चाहिए।

एक लेख के जरिये सीएम योगी ने कहा है कि आमजन घर में रहकर इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को लाइव देखें मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 और 5 को घरों में देव मंदिरों में दीप जलाएं, अखंड रामायण का पाठ करें। उन्होंने कहा कि वर्षों तक राजनीतिक उपेक्षा के भंवर जाल में उलझी रही अवधपुरी, आध्‍यात्मिक और आधुनिक संस्‍कृति का नया प्रमिमान बनकर उभरेगी। यहां रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। विगत तीन वर्षों में विश्‍व ने अयोध्‍या की भव्‍य दीपावली देखी है, अब यहां धर्म और विकास के समन्‍वय से हर्ष की सरिता और समृद्धि की बयार बहेगी।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्‍वयं भूमि पूजन करेंगे। यह प्रत्‍येक भारतीय के लिए गौरव का क्षण होगा। प्रधानमंत्री के कारण ही देश और दुनिया लगभग पांच शताब्‍दी बाद इस शुभ मुहूर्त का अहसास कर पा रही है। उन्होंने कहा कि भाव-विभोर करने वाले इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रत्‍येक देशवासी का मन प्रफुल्लित होगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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