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प्रादेशिक

शमशाद ने अमित बन महिला को अपने प्रेम जाल में फंसाया, मन भरा तो दोनों को मार डाला

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मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में लव जिहाद का दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां शमशाद नाम के एक शख्स ने अमित बनकर प्रिया नाम की एक महिला को फंसाया। महिला की एक बेटी भी थी। इसके बाद वह महिला के साथ लिव इन में रहने लगा। बाद में प्रिया को पता चला कि अमित ने झूठ बोलकर उससे शादी की है। असल में वो शमशाद है तो प्रिया ने इसका विरोध शुरू कर दिया। 28 मार्च को शमशाद ने मां-बेटी की हत्या करने के बाद शव घर के अंदर जमीन में गाड़ दिया। पुलिस ने मां-बेटी के शव को बरामद कर इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया है।

गाजियाबाद के लोनी की रहने वाली प्रिया शादीशुदा थी। कुछ साल पहले प्रिया की मुलाकात शमशाद से हुई। शमशाद ने अपने को हिंदू बताया और उसने प्रिया को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। प्रिया की एक बेटी भी उसके साथ रहती थी। शमशाद ने हिंदू नाम बदलकर प्रिया को अपने साथ रखा। पुलिस ने बताया कि शमशाद ने प्रिया को पांच साल तक अपने साथ बतौर पत्नी रखा।

प्रिया को पता चला कि शमशाद हिंदू नहीं है। इसी बात को लेकर प्रिया ने विरोध शुरू कर दिया। 28 मार्च को शमशाद ने मां-बेटी की हत्या करने के बाद शव घर के अंदर जमीन में दबा दिया था। उसके बाद से उनका कुछ पता नहीं था। एसओ आनंद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि ग्रामीणों ने जब महिला और उसकी बेटी को गांव में कई दिनों से नहीं देखा तो उनको शक हुआ। इसके बाद उन्होंने युवक से पूछताछ की तो युवक ने कोई ठीक जवाब नहीं दिया। इसके बाद पुलिस ने शमशाद के घर की खुदाई की तो दो कंकाल बरामद हुए। पुलिस ने शमशाद को गिरफ्तार कर लिया है।

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उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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