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अन्तर्राष्ट्रीय

दुबई के अस्पताल ने कोरोना संक्रमित भारतीय श्रमिक का 1.52 करोड़ रु का बिल किया माफ़

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नई दिल्ली। दुबई के एक अस्पताल ने मानवता की नई मिसाल पेश करते हुए कोरोना संक्रमित एक भारतीय श्रमिक के 1.52 करोड़ रु के बिल को माफ़ कर दिया। 42 वर्षीय ओडाला राजेश का दुबई अस्पताल में करीब 80 दिनों तक इलाज चल। इस दौरान इलाज का खर्च बढ़कर डेढ़ करोड़ रु से ज्यादा हो गया। चूंकि ओडाला राजेश वहां श्रमिक थे ऐसे में उनके लिए इतनी बड़ी रकम चुका पाना संभव नहीं था। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने दरियादिली दिखाते हुए उनके इलाज में आए पूरे खर्च को माफ़ कर दिया।

ओडाला राजेश को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वे 80 दिन भर्ती रहे। इलाज के बाद उसे 1.52 करोड़ रुपये (762555 दिरहम) का बिल थमाया गया, जो चुकाने की उसकी हैसियत नहीं थी। राजेश को उस अस्पताल में भर्ती कराने वाले दुबई में गल्फ वर्कर्स प्रोटेक्शन सोसायटी के प्रेसीडेंट गुंडेल्ली नरसिम्हा ने इस मामले से दुबई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में वालेंटियर सुमंथ रेड्डी को अवगत कराया। रेड्डी और बीएपीएस स्वामीनारायण ट्रस्ट के अशोक कोटेचा ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के वाणिज्य-दूत हरजीत सिंह से गरीब श्रमिक की मदद करने का अनुरोध किया।

हरजीत सिंह ने दुबई अस्पताल के प्रबंधन को पत्र लिखकर मानवीय आधार पर इस श्रमिक का बिल माफ करने का अनुरोध किया। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने बड़ा दिल दिखाते हुए पूरा बिल माफ कर दिया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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