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प्रादेशिक

कानपुर हत्याकांड का एक और आरोपी गिरफ्तार, निशानदेही पर विकास दुबे के घर से बरामद हुई एके 47

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कानपुर। पुलिस ने कानपुर में आठ पुलिस वालों की हत्या में शामिल रहे विकास दुबे के एक और साथी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार शख्स का नाम शशिकांत है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर विकास दुबे के घर से एक एके 47 रायफल, 17 जिंदा कारतूस बरामद किया है। वहीं शशिकांत के घर से इंसास रायफल और 20 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं।

एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कानपुर पहुंचकर इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम ने कानपुर शूटआउट मामले में एक और 50 हजार का इमामी शशिकांत उर्फ सोनू को गिरफ्तार किया है।

एडीजी ने बताया कि शशिकांत भी बिकरू गांव का रहने वाला है। उसे पुलिस ने चौबेपुर से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने कुबूल किया है कि घटना के दिन वह विकास दुबे के साथ उसके घर पर था। इतना ही नहीं, उसने पूछताछ में अन्य लोगों के नाम के साथ उनकी भी घटना में संलिप्तता बताई है।

#vikasdubey #encounter #stf #uppolice

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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